BHOPAL SAMACHAR की खबर का असर- शिक्षक सुसाइड मामले में मानवाधिकार ने संज्ञान लिया

Madhya Pradesh Government Employees news

मध्य प्रदेश के गुना जिले में अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर अपने क्लास रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले प्राथमिक शिक्षक श्री धर्मेंद्र सोनी के मामले को मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। उल्लेखनीय है कि भोपाल समाचार डॉट कॉम ने इस मुद्दे को उठाते हुए बताया था कि किस प्रकार शिक्षा विभाग में अवैध वसूली के लिए कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जाता है। (यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं)

शिक्षक स्वाभिमानी था इसलिए सुसाइड करना पड़ा

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गुना के कलेक्टर और एसपी से इस मामले की डिटेल रिपोर्ट मांगी है। सुसाइड नोट में शिक्षक श्री धर्मेंद्र सोनी ने बताया था कि हर महीने महीने अवैध वसूली के लिए किस प्रकार उसे प्रताड़ित किया जा रहा था। व्हाट्सएप ग्रुप पर उसकी फोटो डालकर उसे अपमानित किया जाता था। शिक्षक ने स्पष्ट किया था कि वह कोई गलत काम नहीं करता इसलिए अपने वेतन में से रिश्वत देना उसे मंजूर नहीं है। यहां क्लिक करके सुसाइड नोट पढ़ सकते हैं। 

सुसाइड नोट में नाम का उल्लेख होने के बावजूद दोनों आरोपियों को केवल पद से हटाया गया था बाद में जब राजधानी के पत्रकारों ने सवाल जवाब शुरू किए तब दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया। यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

भोपाल समाचार डॉट कॉम में क्या मुद्दा उठाया था 

भोपाल समाचार डॉट कॉम ने लिखा था कि, यह कहानी मध्य प्रदेश के कई शिक्षकों की है। उन्हें पढ़ाना आता है परंतु पढ़ाने नहीं दिया जाता। लगातार प्रताड़ित किया जाता है। स्टाफ के सामने अपमानित किया जाता है और कई बार तो क्लास रूम में विद्यार्थियों के सामने जलील किया जाता है। जब तक शिक्षक उनके सामने घुटने नहीं टेक देता तब तक किसी न किसी प्रकार से उसे प्रताड़ित किया जाता रहता है। यह सब कुछ एक संगठित तरीके से चलता है और कई बार जिला शिक्षा अधिकारी की जानकारी में चलता है। गुना के पास शिवपुरी जिले में भी कई शिक्षकों द्वारा इसी प्रकार की प्रताड़ना के चलते आत्महत्या की जा चुकी हैं। 

गुना के जिला शिक्षा अधिकारी भी जांच की जद में

इसके बाद मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले को संज्ञान में लिया और कलेक्टर एसपी से डिटेल रिपोर्ट मांगी है। यह भी पता किया जा रहा है कि शिक्षक को नियमित रूप से प्रताड़ित किए जाने की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को थी या नहीं और आरोपी अधिकारियों के साथ जिला शिक्षा अधिकारी की मेल मुलाकात किस प्रकार की हुआ करती थी। क्या यह लोग ऑफिस के बाहर किसी ऐसे स्थान पर भी मिलते थे जो असामान्य हो।

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