Madhya Pradesh Warehouse and Logistics Corporation (MPWLC) द्वारा वेयर हाउस संचालक सरिता अवस्थी प्रोपराइटर रघुवीर वेयर हाउस के खिलाफ शुरू की गई 32 लाख रुपए से अधिक की रिकवरी की कार्रवाई को स्थगित कर दिया है एवं नोटिस जारी करके पूछा है कि किस नियम और अधिकार के तहत रिकवरी की कार्यवाही प्रारंभ की गई है।
धान की आद्रता कम हो जाने पर वेयरहाउस से वसूली
प्रकरण में आवेदक का पक्ष रखते हुए एडवोकेट सत्येंद्र ज्योतिषी एवं सौरभ सोनी ने न्यायालय के समक्ष बताया कि आवेदिका रघुवीर वेयरहाउस गोरहा मझौली की प्रोपराइटर है। आवेदिका का वेयरहाउस है, जो कि मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन शाखा सिहोरा जिला जबलपुर के अंतर्गत आता है। आवेदिका के वेयरहाउस में वर्ष 2019 एवं 20 में धान का भंडारण किया गया था। भंडारण के समय जो धान रखी गई थी उसकी आद्रता लगभग 16% थी परंतु जब उसे गोदाम से निकाला गया तो उसकी आद्रता (सूखद) 9.1 एंड 9.3 के लगभग पाई गई। जिसकी कमी को देखते हुए मध्य प्रदेश वेयरहाउस एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन ने आवेदिका के ऊपर 17,90,080 एवं 2020 और 2021-22 के धान भंडारण में से 14,38,479 रु जो कुल 32,28,559 की रिकवरी लगाई गई।
मध्य प्रदेश एग्रीकल्चर वेयर हाउस एक्ट, 1947
अधिवक्ता के द्वारा न्यायालय के समक्ष यह बताया गया कि वेयरहाउस एक्ट के प्रावधान के अनुसार किसी भी प्रकार की कमी एवं सुखद पर वेयरहाउस के मालिक को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। ना ही उसके ऊपर किसी प्रकार की रिकवरी की जा सकती। उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन द्वारा प्रचलित रिकवरी की कार्यवाही को स्थगित करने के आदेश जारी कर दिए।
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