भोपाल। मध्य प्रदेश शासन के राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा चेतावनी दी गई थी कि यदि एमपी स्कूल शिक्षा द्वारा चिन्हित किए गए 2 लाख स्मार्ट शिक्षकों ने 28 फरवरी 2023 तक टेबलेट कंप्यूटर नहीं खरीदे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। धमकी का कोई असर नहीं हुआ। राज्य शिक्षा केंद्र ने टेबलेट कंप्यूटर की खरीदी की तारीख बढ़ाकर 15 मार्च 2023 कर दी है लेकिन तनाव अब भी बरकरार है।
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा की विवादित टेबलेट कंप्यूटर पॉलिसी
- स्मार्ट स्कूल बनाने के लिए 191426 शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के आदेश दिए गए हैं।
- टैबलेट खरीदने के बाद बिल प्रस्तुत करने पर उन्हें ₹10000 का भुगतान किया जाएगा।
- यदि टैबलेट चोरी हो जाता है तो इसके लिए शिक्षक जिम्मेदार होगा।
- यदि टैबलेट खराब हो जाता है तो इसके लिए शिक्षक जिम्मेदार होगा।
- सरकार अपनी तरफ से एंटीवायरस भी नहीं देगी।
- सरकार से मिलने वाले ₹10000 के बदले शिक्षक को 4 साल तक टैबलेट चलाना होगा और इस दौरान टैबलेट सरकार की संपत्ति मानी जाएगी।
टेबलेट का बीमा कराओ और कंपनी के सर्विस सेंटर से सर्विस कराओ
स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय की पॉलिसी के अनुसार सभी शिक्षकों को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने होंगे जिस पर यह सभी शर्तें लिखी हुई है। शिक्षकों का कहना है कि स्मार्ट क्लास के लिए जिस कॉन्फ़िगरेशन का टैबलेट चाहिए वह ₹10000 में नहीं आता बल्कि कम से कम ₹15000 में आता है। चोरी होने की जिम्मेदारी हम ले सकते हैं लेकिन उसके खराब होने पर उसे सुधारने की जिम्मेदारी सरकार को लेनी होगी।
कल कहेंगे, अपना परिचय लाओ, अपना भवन बनाओ
पॉलिसी का विरोध कर रहे शिक्षकों का कहना है कि यह पॉलिसी शुरू से अंत तक गलत है। यदि सरकार अपने कर्मचारी से किसी मशीन के माध्यम से काम कराना चाहती है तो मशीन की खरीदी सरकार को करनी होगी। मशीन का रखरखाव और उसके खराब होने पर उसकी मरम्मत की जिम्मेदारी भी सरकार की होती है। कल को सरकार कहेगी कि अपनी कक्षा के लिए फर्नीचर भी शिक्षक को खरीदने पड़ेंगे और प्राचार्य को भवन निर्माण कराना पड़ेगा तो कैसे चलेगा।
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