Legal advice- आईपीसी की धारा 442- गिरफ्तारी, जमानत, सजा और समझौता के प्रावधान पढ़िए

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 442 के अंतर्गत गृह अतिचार को अपराध माना है, जब कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के घर-मकान में, भवन में, उपासना स्थल में, तम्बू में या जलयान में अनधिकृत रूप से प्रवेश कर लेता है और आपराधिक अतिचार करने लगता है तब यह अपराध गृह अतिचार का अपराध होगा।

गृह अतिचार क्या होता है और किस धारा के तहत पंजीबद्ध किया जाता है

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 448 के अंतर्गत इस अपराध के लिए दण्ड की व्यवस्था की गई है, यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस अपराध के लिए एक वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 448 का अपराध एक शमनीय अपराध है जानिए

दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा(1) के अनुसार गृह अतिचार का अपराध एक समझौता योग्य अपराध हैं इसका समझौता बिना न्यायालय की आज्ञा अर्थात न्यायालय के बाहर ही उस व्यक्ति से किया जा सकता है जिस व्यक्ति की गृह में अवैध रूप से प्रवेश कर गृह अतिचार किया गया है।  Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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