जबलपुर। लोकायुक्त पुलिस के ट्रैप दल ने बरेली तहसील में छापामार कार्रवाई करते हुए महिला पटवारी ममता मोटवानी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि नियम अनुसार नक्शा पास करने के बदले रिश्वत मांगी जा रही थी। कहा गया था कि बिना रिश्वत के इस तहसील में कोई काम नहीं होता।
रिटायर्ड कर्मचारी दलाली कर रहे थे, रिश्वत के बिना तहसील में कुछ नहीं होता
इस मामले में रिटायर्ड कोटवार प्रकाश झारिया को भी आरोपी बनाया गया है। डीएसपी लोकायुक्त जबलपुर सुरेखा परमार ने बताया कि, पी एंड टी कालोनी संत नगर ग्वारीघाट रोड जबलपुर निवासी राजेंद्र प्रसाद श्रीपाल पिता स्वर्गीय मूलचंद श्रीपाल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि बरेला स्थित कृषि भूमि का सीमांकन कराने के लिए उसने तहसील कार्यालय में आवेदन किया था। जिसके बाद बरेला पटवारी ममता मोटवानी के द्वारा नक्शा पास करवाने के एवज में 12 हजार रुपये रिश्वत में मांगे गए थे। रिश्वत ना देने की स्थिति में काम में अड़ंगा लगाने की धमकी दी गई थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि नियमानुसार काम करवाने के लिए रिश्वत देने की क्या जरूरत है।
राजेंद्र प्रसाद की शिकायत की पुष्टि के बाद लोकायुक्त जबलपुर में ट्रैप की रणनीति तैयार की। प्लान के तहत शिकायतकर्ता को केमिकल युक्त नोट देकर रिश्वत अदा करने के लिए भेजा गया। जैसे ही उसने पटवारी ममता मोटवानी को रिश्वत की रकम दी, उसी समय सिविल में मौजूद लोकायुक्त की टीम ने ममता मोटवानी को गिरफ्तार कर लिया। केमिकल टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। ममता मोटवानी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। ट्रैप टीम में लोकायुक्त जबलपुर की उप पुलिस अधीक्षक सुरेखा परमार, निरीक्षक रेखा प्रजापति और निरीक्षक कमल उईके शामिल रहे।
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