अभित्रास और उद्दापन का अपराध क्या होता है, IPC 503 और 383 में क्या अंतर है, यहां पढ़िए- legal advice

आज हम जिन दो शब्दों की बात कर रहे हैं उन शब्दों का एक ही अर्थ होता है धमकी अर्थात अभित्रास और उद्दापन का एक ही समान अर्थ है धमकी। लेकिन कानूनी भाषा की अगर बात करें तो इन दोनों शब्दों में जमीन आसमान का अंतर होता है जानिए।

1. आपराधिक अभित्रास (भारतीय दण्ड संहिता की धारा 503):-

 किसी किसी व्यक्ति को डराना, धमकाना या डांटना या धमकी देकर किसी व्यक्ति को किसी कार्य करने के लिए रोकना या कोई धमकी मात्र देना भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 503 के अंतर्गत अपराध होता है।

2. उद्दापन का अपराध (भारतीय दण्ड संहिता की धारा 383):- 

किसी व्यक्ति से संपत्ति प्राप्त करने या संपत्ति परिदान, ट्रांसफर, नामांतरण आदि करवाने की धमकी देना या किसी महत्व प्रतिभूति या धन प्राप्त करने के लिए धमकी देना भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 383 के अंतर्गत अपराध होगा।

साधारण शब्दों में कहें तो व्यक्ति को धमकी देना जैसे किसी काम को करने से रोकना, जाने से रोकना, मारने की धमकी देना, डराना आदि अभित्रास का अपराध होता है एवं धन,संपत्ति संबंधित मांग करने के लिए धमकी, डराना आदि उद्दापन का अपराध होता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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