ग्वालियर। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के मुंह बोले भाई प्रीतम लोधी की भाजपा में वापसी फिलहाल स्थगित हो गई है। कार्यक्रम से पहले उनके द्वारा की गई बयानबाजी से केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, दोनों नाराज हैं। पिछोर का कार्यक्रम कैंसिल कर दिया गया है।
MP NEWS- प्रीतम लोधी मामले में चुनाव के कारण तनाव कम हो गया था
उल्लेखनीय है कि कथावाचकों को चरित्रहीन और लालची बताने वाले बयान के चलते प्रीतम लोधी को भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। निष्कासन के साथ ही उन्होंने भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिए थे। बढ़ते तनाव के बीच चुनाव ने मामले को ठंडा कर दिया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विधायक केपी सिंह जीत तो गए थे परंतु जीत का अंतर 10000 से कम रह गया था। भाजपा की तरफ से लड़ने वाले प्रत्याशी का नाम प्रीतम लोधी था।
इसी आंकड़े के चलते सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रीतम लोधी को भारतीय जनता पार्टी में वापस शामिल करने का मन बनाया था। पिछोर विधानसभा में एक बड़े कार्यक्रम की तैयारी की जा रही थी। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोनों शामिल होने वाले थे। कार्यक्रम के आयोजक प्रीतम लोधी के समर्थक थे। कार्यक्रम की स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी। मंच के सामने जनता के रूप में खड़े प्रीतम लोधी के समर्थक, उन्हें भाजपा में वापस लेने की मांग करते और मुख्यमंत्री उनकी मांग को स्वीकार कर लेते।
इस तरह मैसेज चला जाता कि जनता ने प्रीतम लोधी को पिछोर विधानसभा में केपी सिंह से लड़ने के लिए भाजपा में बुलाया है। पार्टी और प्रीतम लोधी दोनों को फायदा हो जाता है परंतु ऐसा कुछ होने से पहले प्रीतम लोधी ने इस कार्यक्रम के बारे में बयान दे दिया। कह दिया कि यदि जनता बुलाएगी तो जाऊंगा, सिंधिया और शिवराज के कहने से भाजपा में नहीं जाऊंगा। बस इसी लाइन के कारण बात बिगड़ गई और कार्यक्रम कैंसिल हो गया है।
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