भोपाल। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के कद्दावर नेता होने के कारण शिवराज सिंह चौहान सरकार में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ ससुराल से मिली संपत्ति के मामले में राजधानी भोपाल स्थित एमपी एमएलए कोर्ट ने SP EOW से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का आरोप कोर्ट में
आर्थिक अपराध तथा बेनामी संपत्ति तथा जालसाजी धोखाधड़ी के संबंध में पत्रकार चंद्र मोहन दुबे की ओर से अधिवक्ता यावर ख़ान ने राजधानी भोपाल में स्थित एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ FIR दर्ज करने तथा इन्वेस्टिगेशन का आदेश देने हेतु निवेदन किया था। न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल को आदेश दिए हैं कि इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट 17 फरवरी 23 तक न्यायालय में पेश की जाए।
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और ससुराल की संपत्ति का मामला क्या है
पिछले दिनों खुलासा हुआ कि मध्य प्रदेश शासन के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को उनकी ससुराल से 50 एकड़ जमीन उपहार में मिली है। इसके बाद उनके विरोधियों ने खुलासा किया कि मंत्री श्री राजपूत के ससुराल वालों की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह 50 एकड़ जमीन खरीद सकें। श्री राजपूत के विरोधियों ने उनकी ससुराल वालों के आय के साधनों पर सवाल उठाया। दावा किया कि ससुराल वालों की इनकम ही नहीं है।
यही आरोप लगाते हुए पत्रकार चंद्र मोहन दुबे ने न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से बताया गया है कि पत्रकार श्री दुबे ने आरोप लगाया है कि, प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत द्वारा सागर जिले में लगभग 50 एकड़ कृषि भूमि को एक वर्ष पूर्व बेनामी संपत्ति के तौर पर अपने ससुराल वालों के नाम पर खरीदी, तत्पश्चात वह कृषि भूमि गोविंद सिंह राजपूत ने स्वयं तथा अपने परिजनों के नाम पर दान पत्र के आधार पर रजिस्ट्री करवा ली। आर्थिक अपराध की बड़ी धोखाधड़ी यह हुई है कि रजिस्ट्री शुल्क लगभग 50 लाख रुपय की शासन को हानि पहुंचाई गई। मामले को लेकर लगभग 5 से अधिक बड़े अपराधियों की सूची न्यायालय में पेश की गई।
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