शेर जब बूढ़ा हो जाता है, शिकार नहीं कर पाता तो कैसे जीवित रहता है- GK Today

Bhopal Samachar
अपन सभी जानते हैं कि शेर जंगल का राजा होता है। हम इंसानों में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो खुद को शेर बताते हैं या फिर शेर के जैसे जीवन की कल्पना करते हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि शेर जब बूढ़ा हो जाता है और शिकार नहीं कर पाता तब उसका क्या होता है। आइए जंगल के राजा शेर की जिंदगी के बारे में कुछ रोचक जानकारियां पढ़ते हैं। 

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  • शेर कभी भोजन के लिए शिकार नहीं करता। यह काम शेरनी करती है। 
  • शेर, दूसरे शेरों से अपनी शेरनी की रक्षा करता है और अपने इलाके में गश्त करते हुए यह सुनिश्चित करता है कि जंगल के कितने हिस्से पर उस का शासन है। 
  • शेरों के पास मजबूत, कॉम्पैक्ट शरीर और शक्तिशाली फोरलेग्स, दांत और जबड़े शिकार को नीचे खींचने और मारने के लिए होते हैं। 
  • क्योंकि शेर अपना इलाका बनाता है और उस में रहने वाले जानवरों की दूसरे शेरों से रक्षा करता है। इसलिए उसे जंगल का राजा कहा जाता है। 
  • शेर कभी अकेला रहना पसंद नहीं करता। उसके साथ मादा (शेरनी) जरूर होती है। इसलिए भी उसे जंगल का राजा कहा जाता है। 
  • शेर की उम्र 25 वर्ष होती है परंतु 12 वर्ष की उम्र में वह दुर्बल होने लगता है। इसी अवस्था को शेर का बूढ़ा हो जाना कहते हैं।
  • जब शेर बूढ़ा हो जाता है और अपने जंगल की रक्षा नहीं कर पाता और दूसरे शेर उसके इलाके पर कब्जा करने की कोशिश करते हैं। अक्सर इस युद्ध में अधिक आयु का शेर गंभीर रूप से घायल हो जाता है और फिर उसी जख्म के कारण उसकी मृत्यु हो जाती है। 
  • यदि शेर युद्ध में खुद को जीवित बचा पाने में सफल हो जाता है तब भी उसकी शेरनी, जीतने वाले युवा शेर के साथ रहने लगती है। इस प्रकार जंगल का राजा शेर भूख से तड़पते हुए मर जाता है। 

कुल मिलाकर जंगल में राजा की तरह रहने वाले शेर का जीवन गौरव और साहस का प्रतीक होता है परंतु वह अपनी पूरी आयु तक कभी जीवित नहीं रह पाता। यदि 12 वर्ष की आयु के बाद उसे किसी प्रकार का संरक्षण (टाइगर सफारी) मिल जाए। तब वह 25 वर्ष की आयु तक जीवित रहता है। क्योंकि उसे भोजन के लिए शेरनी की जरूरत नहीं होती। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

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