कृपा और कृपया में क्या अंतर है, सरल हिंदी में पढ़िए- Amazing facts about Hindi language

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आजकल तो काफी कुछ बदल गया है। लोग कई बड़े शब्दों के शॉर्ट फॉर्म बना रहे हैं। पहले लक्ष्मण प्रसाद, लकी हो गया था। अब संदीप कुमार, सैंडी हो गया है। सवाल है कि क्या किसी प्रकार हिंदी का कृपया शब्द, कृपा हो गया है या फिर दोनों के बीच में कोई बड़ा अंतर है। आइए किसी विशेषज्ञ से पूछते हैं:- 

कृपा शब्द का अर्थ क्या है और यह कहां उपयोग किया जाता है 

वाराणसी उत्तर प्रदेश में रहने वाले हिंदी भाषा के विषय श्री उदय प्रकाश शुक्ला बताते हैं कि, कृपा मूल रूप से संस्कृत भाषा का स्त्रीलिंग शब्द है। इसका अर्थ होता है बिना किसी उम्मीद के दया करना। यह हिंदी भाषा के करुणा शब्द से जुड़ा हुआ है। कृपा प्रदान करने वाला बड़ा होता है और कृपा प्राप्त करने वाला अक्सर याचक होता है। अंग्रेजी भाषा में इसे Courtesy अथवा mercy कहते हैं। अन्य भाषाओं में रहम और तरस भी कहा जाता है। 

कृपया शब्द का अर्थ क्या है और इसका कहां उपयोग किया जाता है 

कृपया शब्द, सुनने में कृपा से मिलता जुलता लगता है परंतु यह बिल्कुल अलग है। कृपया एक रीतिवाचक क्रियाविशेषण (अव्यय) है। इसका उपयोग शिष्टाचार के लिए किया जाता है। एक बड़ा व्यक्ति अपने से छोटे व्यक्ति से बातचीत के दौरान शिष्टाचार के चलते कृपया शब्द का उपयोग करता है। इसमें देने वाला और प्राप्त करने वाला नहीं होता। अंग्रेजी भाषा में इसे Please अथवा kindly कहते हैं।

देखा, कितनी आसानी से अपन सीख गए कि कृपा और कृपया में क्या अंतर होता है और आज के बाद अपन कृपा की जगह कृपया और कृपया की जगह कृपा शब्द का उपयोग कभी नहीं करेंगे। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

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