MP NEWS- सभी संविदा सहायक परियोजना समन्वयक की वेतन विसंगति 90 दिन में दूर करें: हाई कोर्ट

जबलपुर
। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल को निर्देशित किया है कि वह सभी जिला शिक्षा केंद्रों में पदस्थ संविदा सहायक परियोजना समन्वयक की वेतन विसंगति 90 दिन के भीतर दूर करें।

श्री कृष्ण कुमार उपाध्याय, संजय श्रीवास्तव, तनुराज दुबे, अनिल त्रिपाठी, शिरीष थंथरे, हरीश वर्मन, क्रमश जिला केंद्रों, मंडला, कटनी, जबलपुर, बालाघाट, सिवनी में संविदा सहायक परियोजना समन्यवक (समावेशित शिक्षा) के पद पर वर्ष 2012 से नियुक्ति के बाद से लगातार कार्य कर रहें हैं। नियुक्ति के समय इन्हे निश्चित मानदेय 20,000 प्रतिमाह देने के आदेश थे।

राज्य शिक्षा केंद्र सर्व शिक्षा अभियान की, 44वीं कार्यकारणी की बैठक दिनांक 26/8/11 के अनुसार,  राज्य शिक्षा केंद्र के आधीन, संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि प्रति वर्ष अप्रैल के माह में की जानी है। इसके अतिरिक्त संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 5/6/18 के अनुसार, जनवरी माह में उपभोक्ता सूचकांक के अनुसार वेतन वृद्धि दी जानी है। 

राज्य शिक्षा केंद्र के आधीन संविदा पर कार्यरत अन्य कर्मचारियों, जो कि वर्ष 2012 में ही नियुक्त हुए हैं, राज्य शिक्षा केंद्र सर्व शिक्षा अभियान की, 44वीं कार्यकारणी की बैठक दिनांक 26/8/11 के अनुसार, प्रति वर्ष बढ़ा हुआ मानदेय दिया जा रहा है एवम वे प्रति माह लगभग 44,000 प्राप्त कर रहे हैं। 

परंतु, एपीसी (समावेशी शिक्षा) बढ़े हुए मानदेय से वंचित थे। अतः उन्होंने हाई कोर्ट जबलपुर के समक्ष रिट पिटिशन दायर की थी। उनकी ओर से उपस्थित उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने, उच्च न्यायालय की एकल पीठ को बताया कि राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा याचिकाकर्ताओं को बढ़े हुए, मानदेय से वंचित किया जाना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है एवम भेदभाव पूर्ण है। एक ओर, एमआईएस कोऑर्डिनेटर, संविदा, डाटा एंट्री ऑपरेटर,संविदा एपीसी संविदा (वित्त) को हर वर्ष बढ़ा हुआ मानदेय दिया जा रहा है। ये सभी कर्मचारी राज्य शिक्षा केन्द्र के आधीन हैं। दूसरी ओर याचिका कर्ता वंचित हैं। 

अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी एवं अमर गुप्ता की दलीलों से सहमत होकर हाई कोर्ट जबलपुर ने राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल को निर्देशित किया है कि राज्य शिक्षा केंद्र सर्व शिक्षा अभियान की, 44वीं कार्यकारणी की बैठक दिनांक 26/8/11 के अनुसार, याचिकाकर्ताओं के प्रकरण में 90 दिवस के अंदर निर्णय कर वेतन विसंगति सुधारी जाए। 

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