प्रचार अभियान को लेकर मुख्यमंत्री का दर्द, क्रिटिक्स को कहा: जो है, उसकी भी चर्चा कर दो यार- MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्य प्रदेश में सरकारी प्रचार अभियान की विफलता को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दर्द एक बार फिर छलक आया। इस बार उन्होंने भरे मंच से स्वीकार किया कि क्रिटिक्स उन्हें डिस्टर्ब कर रहे हैं और उन्होंने अपने आलोचकों से अपील की कि वह कुछ पॉजिटिव भी देखें। इससे पहले उन्होंने अपने मंत्रियों से कहा था कि जहां जाए वहां सरकार के कामों का प्रचार जरूर करें। विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि अपने अच्छे कामों की जानकारी पत्रकारों तक पहुंचाएं।

मध्यप्रदेश में तो प्रचार पर बड़ा खर्चा हो रहा है, फिर चिंता किस बात की

मध्य प्रदेश के इतिहास में शिवराज सिंह चौहान सरकार का प्रचार बजट सबसे ज्यादा है। यहां बात बोले कि नहीं हो रही जो महंगाई के साथ बढ़ रहा है बल्कि प्रतिशत की हो रही है। श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद सरकारी खजाने का एक बड़ा हिस्सा प्रचार पर खर्च किया जा रहा है। प्रचार प्रसार के लिए सरकार के पास एक विभाग और एक सरकारी एजेंसी है। इसके अलावा कई प्राइवेट एजेंसी है। आजकल तो डिजिटल मीडिया पर प्रचार के लिए भी बड़ा खर्चा किया जा रहा है। स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकार का हर रोज प्रचार करते हैं। सवाल यह है कि इतना सब होने के बाद मुख्यमंत्री को चिंता किस बात की है। 

अब पढ़िए मुख्यमंत्री ने सीहोर की सभा में क्या कहा

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, मैं मीडिया के मित्रों से कहना चाहता हूं कि जरा ढंग से हमारे सीएम राइस स्कूल देखो। कई बार एकाध कभी मिल गई तो रगड़ दिया सीएम राइज स्कूल में यह नहीं। अरे जो है, उसकी भी चर्चा कर दो यार। (मजेदार बात यह है कि इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री को बताया कि सीहोर में शिक्षकों ने कितना अच्छा काम किया है। सवाल तो बनता है कि शिक्षा मंत्री को इसकी जानकारी क्यों नहीं थी। सब कुछ मुख्यमंत्री करेंगे क्या।)

समझिए, प्रॉब्लम कहां पर है

मुख्यमंत्री की सबसे बड़ी प्रॉब्लम शिवराज सिंह चौहान है। मध्य प्रदेश की पूरी सरकार और भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता प्रचार के मामले में शिवराज सिंह चौहान पर डिपेंड हो गए हैं। 90% से ज्यादा लोग जनता के बीच नहीं जा रहे हैं। कुछ लोग जा रहे हैं तो सिर्फ अपना प्रचार करते हैं। सरकारी सिस्टम तो पूरा का पूरा गड़बड़ हो गया है। बहुत सारा पैसा खर्च हो रहा है परंतु प्रचार नहीं हो रहा है। दरअसल मध्य प्रदेश के 8 करोड़ में से दो करोड़ लोगों का एक सर्किल बन गया है। डिजिटल, टीवी, ऑनलाइन, ऑफलाइन सब कुछ इन दो करोड़ लोगों तक पहुंचाया जा रहा है, जबकि सरकार के आलोचकों की बहुत कम बजट के बावजूद ज्यादा है। 

क्या शिवराज सिंह चौहान भी राहुल गांधी की तरह बयान देंगे

हाल ही में राहुल गांधी ने कहा था कि एक जमाना था जब भारत का मीडिया ने बड़ा महत्व देता था और अब उन को कवर करना भी पसंद नहीं करता। सीहोर में शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह का बयान दिया वह राहुल गांधी के ट्रैक पर नजर आता है। जब कोई व्यक्ति समस्या की खोज नहीं कर पाता, उसके पास समस्या का समाधान नहीं होता। तब इस तरह के बयान दिए जाते हैं। 

अध्ययन के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु 
  • कितने प्रभारी मंत्री अपने दौरे के वक्त सीएम राइज स्कूल जाते हैं। 
  • मुख्यमंत्री जब किसी जिले के दौरे पर जाते हैं तो क्या सीएम राइज स्कूल जाते हैं। 
  • शिक्षकों को मीडिया नहीं सरकार बदनाम कर रही है, कृपया लोक शिक्षण संचालनालय से जारी होने वाले दस्तावेजों का अध्ययन करें। 
  • कितने आलोचकों को सरकार की तरफ से जो है, उसको दिखाने के लिए आमंत्रित किया गया। 
  • क्या सरकार ने आलोचकों से संवाद करने का कभी कोई प्रयास किया। 
कुल मिलाकर मूल बात यह है कि जनता तक पहुंचने के लिए सरकार को उनसे संबंध बनाने होंगे जिनके संबंध उस जनता से बने हुए हैं, जिससे सरकारी एजेंसियों के संबंध नहीं बन पाए हैं। मोबाइल और टीवी से लेकर अखबार तक वही 2 करोड़ लोग हैं। सरकार को इस आंकड़े के आगे निकलना है तो उन लोगों को साथ ले रहा होगा जो इस सर्किल के बाहर खड़े हुए हैं। उपदेश अवस्थी

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!