MP NEWS- डीपीआई वाले EWS के पीछे पड़ गए हैं, इस बार RANK खा गए

भोपाल
। लोक शिक्षण संचालनालय में की पोजीशन पर कोई तो है जो EWS से नफरत करता है। पहले 1000 से ज्यादा पोस्ट खा गए थे। इस बार रैंक खा गए। जिस कैंडिडेट ने RANK किया उसकी नियुक्ति EWS कोटे में कर दी और जिस कैंडिडेट को EWS आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए था उसे अनारक्षित घोषित करके बाहर निकाल दिया। 

TRC MPONLINE अपलोड सूची में गड़बड़ी की शिकायत

दिनांक 22 दिसंबर 2022 को TRC MPONLINE पोर्टल पर जो सूची अपलोड की गई है, उस में गड़बड़ी की शिकायत मिली है। आरक्षण नियमों के अनुसार आरक्षण का लाभ केवल उस उम्मीदवार को दिया जाता है जो RANK नहीं ला पाता। सरल शब्दों में कहें तो योग्यता को 50% आरक्षण दिया गया है और शेष 50% में अलग-अलग वर्गों के कमजोर उम्मीदवारों को शामिल किया गया है। 

RANK वाले को EWS और EWS वाले को बाहर कर दिया

हाल ही में जारी हुई चयन सूची में जिन उम्मीदवारों ने RANK प्राप्त की है उनका नाम EWS आरक्षित उम्मीदवार की लिस्ट में डाल दिया गया है। जबकि उन्हें अनारक्षित घोषित किया जाना चाहिए। इसी प्रकार जिस उम्मीदवार के नंबर कम आए हैं, EWS प्रावधान के कारण उसकी नियुक्ति हो सकती थी, ऐसे उम्मीदवार को अनारक्षित घोषित करके नियुक्ति से वंचित कर दिया गया। इस तरह की एक लिस्ट तैयार की जा रही है जिसमें अब तक 16 उम्मीदवारों के नाम दर्ज किए जा चुके हैं, जो गड़बड़ हैं।

MP DPI- कमिश्नर की समाधान समिति, समाधान नहीं करती

आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा उम्मीदवारों की समस्याओं के समाधान के लिए समिति का गठन किया गया था। कैंडीडेट्स ने समिति के सामने अपने आवेदन और अभ्यावेदन प्रस्तुत किए परंतु समिति ने समाधान नहीं किया। हाल ही में आयुक्त ने एक प्रेस नोट जारी करके कहा है कि जो भी व्यक्ति DPI के अधिकारियों को फोन करेगा उसके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज करा देंगे। 

आयुक्त ने रिश्वतबाज के खिलाफ FIR नहीं कराई बल्कि सबको धमकाया

अब सवाल यह है कि, समाधान समिति की शिकायत कहां करें। नौकरी का सवाल है, जैसा चल रहा है वैसा चलने नहीं दे सकते। आयुक्त महोदय को यह भी बताना चाहिए कि यदि DPI के अधिकारियों से अपनी समस्या ना कहें तो किस से कहें। एक अखबार को आयुक्त ने कहा था कि 10-10 लाखों रुपए की ऑफर आ रहे हैं, लेकिन रिश्वत का प्रस्ताव देने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई FIR दर्ज नहीं कराई। सार्वजनिक सूचना जारी करके सबको धमकाया गया है।

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