जबलपुर। जबलपुर के तत्कालीन सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुरारिया ने एक जनरल अस्पताल को मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का सर्टिफिकेट दे दिया। नतीजा अग्निकांड हुआ और 8 लोगों की मौत हो गई। इस प्रकरण में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए, लेकिन मध्यप्रदेश में कानून आम आदमी के प्रति सख्त और सरकारी अधिकारियों के प्रति काफी नरम होते हैं। इसलिए समाचार लिखे जाने तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल अग्नि कांड, संक्षिप्त में
आपको याद होगा दिनांक 1 अगस्त 2022 को जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में अचानक आग लग गई थी। आग पर काबू पाने और आपातकालीन स्थिति में मरीजों एवं अस्पताल के अंदर मौजूद स्टाफ को सुरक्षित बाहर निकालने का कोई इंतजाम नहीं था। इसके कारण 8 लोगों की मृत्यु हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे।
जांच के बाद सामने आए डॉ कुरारिया के कारनामे
- जब मामले की जांच हुई तो बड़ा खुलासा हुआ। इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में बताया गया है कि तत्कालीन सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुरारिया ने अपनी इंस्पेक्शन रिपोर्ट में बहुत सारी गलत जानकारियां दर्ज कर दी थी। इसके कारण अस्पताल को लाइसेंस मिल गया।
- डॉ कुरारिया ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि अस्पताल में ब्लड बैंक है जबकि अस्पताल में ब्लड बैंक के नाम की पट्टिका भी नहीं है।
- डॉ कुरारिया ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि अस्पताल में सभी कमरों में वेंटिलेशन मौजूद है जबकि इन्वेस्टिगेशन में पाया गया कि ज्यादातर कमरों में वेंटिलेशन नहीं था।
- डॉ कुरारिया ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के दो बिस्तर के बीच में 100 स्क्वायर फीट का अंतर है जबकि भौतिक सत्यापन में 10 स्क्वायर फिट का अंतर भी नहीं मिला।
- डॉ कुरारिया ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि अस्पताल को नगर निगम जबलपुर द्वारा बिल्डिंग कंप्लायंस लाइसेंस दे दिया गया है, जबकि निगम से तो लाइसेंस जारी हुआ ही नहीं।
- डॉ कुरारिया ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि अस्पताल के पास फायर डिपार्टमेंट की NOC मौजूद है जबकि फायर डिपार्टमेंट में NOC के लिए अप्लाई नहीं किया गया था। शुरुआत में प्रोविजनल एनओसी ली गई थी, जो पहले ही एक्सपायर हो गई थी।