मध्य प्रदेश। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के इंदौर में प्रवेश के बाद एक बड़ा मैसेज आया है। आज की तारीख में स्पष्ट किया गया है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के 3 चेहरे हैं। हाईकमान की नजर में कमलनाथ के साथ जीतू पटवारी और अरुण यादव भी समान रूप से महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ दिनों में तीनों के बीच काफी तनाव देखा गया।
कमलनाथ और अरुण यादव- एक दूसरे को पसंद नहीं करते
कांग्रेस पार्टी के लोग कहते हैं कि कमलनाथ को अरुण यादव पसंद नहीं है। समान रूप से अरुण यादव को भी कमलनाथ पसंद नहीं है। इसका मुख्य कारण यह है कि कमलनाथ ने गांधी परिवार से अपनी नजदीकी का फायदा उठाकर अरुण यादव के साथ ठीक वैसे ही किया था जैसे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनके साथ किया है। अरुण यादव कई बार कमलनाथ को चुनौती दे चुके हैं और कमलनाथ भी कई बार अरुण यादव को नुकसान पहुंचा चुके हैं। यहां तक की कमलनाथ की टीम लगातार अरुण यादव की गलतियां ढूंढती रहती है ताकि उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जा सके।
कमलनाथ और जीतू पटवारी की अब नहीं पटती
कांग्रेस पार्टी में जीतू पटवारी का वजन भी कम नहीं है लेकिन कमलनाथ और जीतू पटवारी के बीच अब वैसे मधुर संबंध नहीं रहे जैसे 2018-19 में दिखाई दिए थे। पिछले कुछ दिनों में दो जीतू पटवारी इतने तनाव में आ गए थे कि अपनी क्षमता और योग्यता पर उनका विश्वास टूटने लगा था और उन्होंने अपना राजनैतिक नाम बदलकर जितेंद्र पटवारी कर लिया था। कमलनाथ ने भी इंदौर में कुछ दूसरे युवाओं के माध्यम से जीतू पटवारी की फौज के सामने अपनी फौज तैयार करना शुरू कर दिया था। कमलनाथ के बाद जीतू पटवारी खुद को मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी का नेता मानते हैं और कमलनाथ की उनका कहना है कि कमलनाथ के उत्तराधिकारी तो नकुलनाथ है।
राहुल गांधी ने तीनों को जोड़ा
मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से जनता जोड़ी या नहीं जुड़ी यह तो उनके निकल जाने के बाद ही पता चलेगा परंतु कांग्रेस पार्टी के नेताओं को जोड़ने की जरूरत थी। इसमें राहुल गांधी थोड़े सफल होते नजर आए। आज जो फोटो जारी किया गया है उसका संदेश केवल इतना ही है कि कमलनाथ, अरुण यादव और जीतू पटवारी तीनों का समान रूप से महत्वपूर्ण है और मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के चेहरे हैं। बताने की जरूरत नहीं कि यदि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी जीती तो यह तीनों ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे।