भोपाल। पिछले 10 साल के रिकॉर्ड में मध्य प्रदेश के सबसे धाकड़ ब्यूरोक्रेट रहे राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ रिटायरमेंट के बाद भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हो जाने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने उनको पावरफुल पोस्टिंग देने वालों पर निशाना लगाया है।
लोकायुक्त वाला समाचार प्रसारित होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बैक टू बैक 5 ट्वीट किए। जिसमें उन्होंने लिखा कि,
1. कल प्रदेश के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी पर लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है, मैं शिकायतकर्ता का अभिनंदन करती हूं।
2. आपको याद होगा कि करीब तीन महीने पहले मैं केन-बेतवा पर इस व्यक्ति का जिक्र करते हुए ट्वीट कर चुकी हूं।
3. मैंने दो अधिकारियों का जिक्र किया था जिनकी वजह से केन-बेतवा प्रोजेक्ट 2017 में रेडी होते हुए भी शुरू नहीं हो सका उसमें यह एक व्यक्ति था।
4. मैंने उस समय के मुख्य सचिव से मुख्यमंत्री जी के सामने ही इस अधिकारी को जल संसाधन मंत्रालय से हटाने को कहा था एवं वह हट भी गया।
5. मेरा विभाग बदलते ही वह जल संसाधन में वापस हुआ यह भी एक आश्चर्य का विषय है कि ऐसे लोग प्रभावशाली जगहों पर मौजूद कैसे रह सके।
कुल मिलाकर उमा भारती का कहना है कि उन लोगों के नाम भी सामने आने चाहिए जिनके कारण राधेश्याम जुलानिया जैसे अफसर मनमानी करने के बावजूद पावरफुल पोस्टिंग में बने रहते हैं। कितना भी जोर लगा कर इन्हें कुर्सी से हटाओ, यह मौका मिलते ही फिर से पावर में आ जाते हैं।
वैसे इस बात का उल्लेख करना भी प्रासंगिक होगा कि राधेश्याम जुलानिया मध्यप्रदेश के अकेले ऐसे आईएएस अफसर हैं जिनके खिलाफ सबसे ज्यादा प्रदर्शन हुए। पंचायत सचिव आंदोलन के समय एक मौका ऐसा भी आया जब मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री से ज्यादा राधेश्याम जुलानिया का विरोध हो रहा था।