पढ़िए क्या है आत्म-अभिशंसन का मौलिक अधिकार और किसे प्राप्त है- legal advice

भारतीय साक्ष्य अधिनियम,1872 की धारा 24 एवं 25, 26 यह बताती है कि किसी भी व्यक्ति से पुलिस थाने में जबरदस्ती, बल प्रयोग करके, प्रलोभन देकर, धमकी देकर अथवा किसी भी अन्य असामान्य तरीका अपना कर ली गई अपराध की स्वीकृति कोर्ट में केस को कमजोर कर देती है।

आत्म-अभिशंसन का अर्थ भी यही है स्वयं के खिलाफ किसी बात को स्वीकृति करवाना अर्थात स्वंय के पक्ष में स्वयं द्वारा अपराध को स्वीकार करना। साधारण शब्दों में कहे तो कोई व्यक्ति जिस पर किसी अपराध का आरोप लगाया गया है उसको स्वयं के खिलाफ गवाही देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है यह मौलिक अधिकार है जानिए।

भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 के अनुच्छेद 20(3) की परिभाषा

प्रत्येक आरोपी को अपनी इच्छा के विरुद्ध आपराधिक मामलों में स्वीकृति या बयान या स्वयं के विरुद्ध गवाही देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को तब तक निर्दोषों माना जाता है जब तक कि उसके विरुद्ध कोई अपराध साबित नहीं हो जाता एवं अपराध साबित करने का सम्पूर्ण भार अभियोजन (परिवादी) पक्ष पर होता है, अभियोजन पक्ष भी आरोपी को अपराध स्वीकार करने के लिए विवश नहीं कर सकता है।

आत्म-अभिशंसन का मौलिक अधिकार निम्न व्यक्ति को प्राप्त होता है:-

1. व्यक्ति को किसी आपराधिक प्रकरण में आरोपी होना चाहिए।
2. उसे अपने विरुद्ध बचाव के लिए साक्ष्य या गवाही देना है।
3. उसे अपने ही विरुद्ध साक्ष्य देने के लिए विवश किया जा रहा हो।

नोट:- ननिदनी सत्पथी बनाम पी एल धनी- मामले में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 161 (2) के अधीन पुलिस आरोपी से पूछताछ करती हैं तब पुलिस आरोपी को उत्तर देने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है एवं किसी भी प्रकार का दबाव भी नहीं बना सकती। जैसे कि शारिरिक,मानसिक  यातनाएं देना, माता पिता या परिवार वालो को परेशान करने का दवाब बनाना, वातावरण ,पर्यावरण संबंधित दबाब, जबर्दस्ती बैठा कर रखना आदि। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!