क्या भारत में सरकार किसी को राय बहादुर या लाट साहब जैसी उपाधि दे सकती है, पढ़िए- ICA-18

Bhopal Samachar
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अक्सर हम प्राचीन काल, मध्यकाल और ब्रिटिश शासन में, राय बहादुर, राय साहब, राजा साहब, महाराजा साहब, लाट साहब, हिस हाईनेस' ऐसे ही उपनाम को हम उपाधियां कहते हैं। इनके कारण पता चलता था कि यह व्यक्ति विशिष्ट है, हाई प्रोफाइल है। भारतीय संविधान में अनुच्छेद 14 से लेकर अनुच्छेद 18 तक नागरिकों की समानता को स्थापित किया गया एवं ऐसी सभी उपाधियों का अंत किया गया जो किसी व्यक्ति अथवा उसके परिवार को सामान्य नागरिक से अलग करती है।

भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 का अनुच्छेद 18 की परिभाषा

राज्य के किसी भी व्यक्ति को चाहे वह भारतीय नागरिक हो या विदेशी किसी भी प्रकार की उपाधियां प्रदान करने से मना करता है लेकिन इसके निम्न नियम एवं अपवाद भी है जानिए:-
1. राज्य सेना एवं शिक्षा संबंधित प्रदर्शन में उपाधि प्रदान कर सकता है।
2. कोई भी नागरिक विदेशी राज्य से किसी भी प्रकार की उपाधि स्वीकार नहीं करेगा।
3. राज्य के अधीन लाभ का पद धारण करने वाला नागरिक या विदेशी नागरिक भी राष्ट्रपति की सहमति के बिना विदेशी राज्य से कोई उपाधि, पद, भेंट या कोई उपलब्धि स्वीकार नहीं कर सकता है।

अपवाद:- 
• शैक्षणिक उपाधियां जैसे कि बीए, एमए, पीएचडी, एमबीबीएस, बीई, एमबीए, एलएलबी आदि अनुच्छेद 18 की परिधि में नहीं आते हैं।

• सेना में विशिष्ट शौर्य का प्रदर्शन एवं शिक्षा, समाज-विज्ञान, संस्कृति, साहित्य, कला आदि जैसे भारत रत्न पुरस्कार, पद्द विभूषण - भूषण पुरुस्कार,पद्द श्री पुरुस्कार, परम वीर चक्र, वीर चक्र, महावीर चक्र आदि अनुच्छेद 18 का उल्लंघन नहीं है।

• हिंदी में श्रेष्ठ विधि लेखन के दिये जाने वाला पुरस्कार जैसे विधि एवं न्यायालय मंत्रालय भारत सरकार का राज पुरुस्कार, गृह मंत्रालय भारत सरकार का पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरुस्कार, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का अखिल भारतीय वानिकी साहित्य पुरुस्कार, भाषा के क्षेत्र में बिहार सरकार द्वारा दिये जाने वाला पुरुस्कार डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा पुरुस्कार, मध्यप्रदेश सरकार का डॉ भीमराव राव अम्बेडकर पुरुस्कार आदि पुरुस्कार अनुच्छेद 18 का उल्लंघन नहीं है।

विशेष नोट:- संविधान का अनुच्छेद 18 का उल्लंघन करने पर किसी भी प्रकार के दण्ड का कोई प्रावधान नहीं है क्योंकि यह अनुच्छेद केवल निदेशात्मक हैं, आदेशात्मक नहीं लेकिन संसद को विधि बनाकर इसके उल्लंघन पर दण्ड का प्रावधान करने की पूरी शक्ति प्राप्त है लेकिन संसद द्वारा अभी तक कोई दंडात्मक विधि नहीं बनाई गई है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com
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