क्या है गिरफ्तारी एवं कैद से संरक्षण का मौलिक अधिकार, जानिए- fundamental right

भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 में अनुच्छेद 19 से 22 तक प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। प्रत्येक नागरिक का अर्थ यह होता है कोई अपराध के आरोपी या किसी अपराध के अपराधी को भी स्वतंत्रता के अधिकारों से वंचित नहीं किया जायेगा। अनुच्छेद 20 दोषसिद्धि से पूर्व आरोपी को संरक्षण का अधिकार देता है एवं अनुच्छेद 22 बंदीकरण एवं निरोध के विरुद्ध संवैधानिक संरक्षण का अधिकार देता है जानिए।

भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 के अनुच्छेद 22 की परिभाषा

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 22 गिरफ्तार हुए व्यक्ति, आरोपी व्यक्ति को संरक्षण से संबंधित मौलिक अधिकार देता है यह संरक्षण आरोपी को दो प्रकार से दिया जाता है:-
1. सामान्य विधि के अंतर्गत गिरफ्तारी से संरक्षण अर्थात कोई भी दंडात्मक गिरफ्तारी पर आरोपी को संरक्षण प्राप्त होता है।
2. निवारक निरोध विधि के अंतर्गत गिरफ्तारी से संरक्षण अर्थात प्रतिबंधात्मक कैद से आरोपी को संरक्षण प्राप्त होना।

उपर्युक्त मौलिक अधिकार किस को प्राप्त नहीं है जानिए:-
1. शत्रु देश के व्यक्ति को।
2. निवारक निरोध कानून के अंतर्गत गिरफ्तार या बंदी व्यक्ति को जैसे कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम,1980,चोरी बाजारी रिवारण और आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम,1980, स्वापक ओषिधि और मनः प्रभावी पदार्थ व्यापार निवारण अधिनियम,1988 आदि। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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