मध्य प्रदेश के पवित्र शहर उज्जैन में अजीब सी स्थिति बनी। अपनी आने वाली फिल्म ब्रह्मास्त्र की सफलता की मनोकामना लेकर आलिया भट्ट, रणबीर कपूर और फिल्म के डायरेक्टर अयान मुखर्जी महाकाल के दर्शन के लिए आए थे। विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ तो उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह उन्हें अपने घर ले गए। कलेक्टर ने हर संभव कोशिश की लेकिन आलिया और रणवीर को महाकाल के दर्शन नहीं करा पाए।
मध्यप्रदेश में उज्जैन कलेक्टर का विरोध
मध्यप्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह का विरोध शुरू हो गया है। नाराज लोगों का कहना है कि उज्जैन कलेक्टर को इस प्रकार आलिया भट्ट, रणबीर कपूर और उनकी टीम को अपने घर नहीं ले जाना चाहिए था। उनका ऐसा करने के कारण माहौल बिगड़ गया था। स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। हालांकि विरोध करने वाले इस बात से प्रसन्न है कि उनका प्रदर्शन सफल रहा। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए कहा कि विशेष नागरिकों को आम लोगों की भावनाओं को आहत करने वाले बयान नहीं देने चाहिए।
उज्जैन से रवाना हुई आलिया को कलेक्टर ने फोन करके वापस बुलाया था
जब आलिया और रणवीर उज्जैन पहुंचे तब उनका जबरदस्त विरोध हो रहा था। विरोध को देखते हुए सुरक्षा के नाम पर कलेक्टर आशीष सिंह उन्हें अपने सरकारी बंगले में ले गए। प्रदर्शनकारी कलेक्टर बंगले के बाहर जमा हो गए। नारेबाजी होने लगी। यहां आलिया भट्ट ने डिसीजन लिया कि यदि लोग इतने नाराज हैं तो हम दर्शन नहीं करेंगे।
आलिया भट्ट, रणबीर कपूर को लेकर उज्जैन से इंदौर के लिए रवाना हो गई। 11 किलोमीटर दूर चले जाने के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने फोन करके उन्हें वापस बुलाया। आश्वासन दिया कि दर्शन में कोई व्यवधान नहीं आएगा। आलिया भट्ट जब वापस उज्जैन पहुंची तो देखा। विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। आलिया भट्ट दूसरी बार उज्जैन आकर बिना दर्शन किए वापस इंदौर के लिए रवाना हो गई।
आगे से VVIP गेस्ट को अलग से सिक्योरिटी दी जाएगी- कलेक्टर उज्जैन
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि हमारे पास पहले इनपुट आया था, हिंदूवादी संगठनों से बात हुई थी तो उन्होंने आश्वासन दिया था कि कोई प्रदर्शन नहीं होगा। इसीलिए तैयार नहीं थे। श्रद्धालु को दर्शन करने का अधिकार है। भविष्य में इस तरह के VVIP गेस्ट के लिए अलग से सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।
लोकतंत्र में विरोध प्रशासन एक सामान्य प्रक्रिया है: एसपी उज्जैन
SP सत्येंद्र शुक्ल ने बताया कि अभद्रता करने पर हिंदू संगठन के कार्यकर्ता दिलीप लोहार पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस की नाकामी नहीं है। संगठन विरोध-प्रदर्शन करने पहुंचे थे, इसे रोकने की कोई स्थिति नहीं थी। लोकतंत्र में विरोध-प्रदर्शन एक सामान्य प्रक्रिया है। हां, इसकी एक सीमा और मर्यादा होती है।