GWALIOR के मोती महल में आप भी महाराजा की तरह छुट्टियां बिताएंगे- NEWS TODAY

ग्वालियर
। पूना पेशवा पैलेस की तर्ज पर बना 900 कमरों का मोती महल सन 1825 में मेहमानों और उनके मनोरंजन के लिए बनाया गया था। पूरे 197 सालों बाद एक बार फिर मोती महल मेहमानों और उनके मनोरंजन के काम आएगा। सरकार मोती महल को फाइव स्टार हेरिटेज होटल बनाने जा रही है। 

टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके पूरा होते ही रिनोवेशन का काम शुरू हो जाएगा और फिर ग्वालियर का मोती महल मेहमानों का स्वागत करता हुआ नजर आएगा। हेरिटेज होटल की खास बात यह होती है कि इसमें रॉयल फील हमेशा बना रहता है। कुछ समय के लिए तो मेहमानों को भी लगेगा कि वह मोती महल के महाराजा हैं। 

ग्वालियर के मोती महल की खास बातें

  • 05 लाख वर्गफीट से अधिक जगह पर बना है ऐतिहासिक मोतीमहल
  • 42 रागमाला भित्ति चित्र वाली पेंटिंग लगी है, जिसमें तानसेन के दो राग
  • 25 किलो सोने की नक्काशी, सोने की पॉलिश वाला दरबार हॉल
  • 1956 में मध्यभारत प्रांत के समय यहां तत्कालीन विधानसभा लगती थी
  • दरबार हाॅल, झूमर व बैजाताल इसकी खूबसूरती बढ़ाते हैं। 
  • शुक्राचार्य द्वारा उल्लेखित तथ्यों के आधार पर इसका निर्माण हुआ है। 
  • इसमें कुल 900 कमरे हैं लेकिन पीडब्ल्यूडी के रिकॉर्ड में सिर्फ 600 कमरे हैं। नीचे का तलघर और उसके कमरे रिकॉर्ड में नहीं है

भारत के टॉप टेन फाइव स्टार होटल में से एक होगा मोती महल

मोतीमहल को फाइव स्टार होटल बनाया जाएगा। हम जोधपुर के उम्मेद भवन और जयपुर के रामबाग पैलेस सहित देश के टॉप 10 फाइव स्टार होटल की तरह इसे बनाएंगे। इसके लिए हमने टेंडर की तैयारी कर ली है। ग्वालियर ऐतिहासिक शहर है,यहां रेल तथा हवाई मार्ग की बेहतर कनेक्टिविटी है। कूनो में अफ्रीकी चीते आने से ये क्षेत्र टूरिस्ट सर्किट के तौर पर विकसित होगा।
-शिवशेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव, पर्यटन विभाग, मप्र
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