लड़की अगर बालिग है तो उसे अपनी मर्जी से रहने का अधिकार होता है वह किसी के साथ भी रह सकती है। इंडियन सोसाइटी में लिव-इन रिलेशनशिप का कल्चर बढ़ता जा रहा है। इसमें एक महिला एवं पुरुष एक घर में एक साथ दंपति की तरह रहते हैं परंतु विधि के अनुसार विवाहित नहीं होते। ऐसी स्थिति में यदि आईपीसी की धारा 498(क) के जैसी परिस्थितियां बन जाए तो क्या लड़की की शिकायत पर मामला दर्ज किया जा सकता है। पढ़िए सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण जजमेंट:-
रीमा अग्रवाल बनाम अनुपम- सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण जजमेंट
उक्त वाद में उच्चतम न्यायालय ने विनिशिचत किया कि भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 498(क) के अंतर्गत वह व्यक्ति का समावेश भी है जिसने पीड़िता महिला से उसका पति होने का ढोंग किया है या करता। अतः यदि कोई व्यक्ति किसी महिला के साथ विवाह संबंध स्थापित करता है और पति की हैसियत से क्रूरता, मारपीट आदि करता है तब ऐसा व्यक्ति भी धारा 498(क) के अंतर्गत दोषी होगा भले ही उसने महिला से अवैध तरीके से विवाह किया हो या उसे रखैल बनाकर रख रहा हो तब भी वह क्रूरता के अपराध का दोषी होगा।
"साधारण शब्दों में कहे तो जो लड़के लड़कियां शादी से पहले लव-इन रिलेशनशिप रहते हैं एवं शादी से पहले एक दूसरे को पति पत्नी मान लेते हैं तब माना हुआ पति लडक़ी पर अत्याचार करेगा या पैसों के लिए दबाब डालेगा या उसके कोई नातेदार लड़की को मानसिक प्रताड़ना देने तब ऐसे व्यक्ति पर आईपीसी की धारा 498 (क) लागू होगी। इसके लिए विधिवत विवाह होना अनिवार्य नहीं है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com