भोपाल। पुलिस मुख्यालय ने रिश्वत के बदले अवैध रेत परिवहन की अनुमति देने का आरोप जांच में सिद्ध हो जाने के बाद एसडीओपी इंदरवीर भदौरिया का डिमोशन कर दिया है। पुलिस डिपार्टमेंट में यह एक दंड प्रक्रिया है। जिसके दूरगामी प्रभाव पड़ते हैं।
एसडीओपी इन्द्रवीर भदौरिया का नाम कई बार विवादों में आया है। कहा जाता था कि इन्हें भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े नेता जो मुख्यमंत्री के नजदीकी भी हैं, का संरक्षण प्राप्त है। अटेर विधानसभा उपचुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी की शिकायत पर इन हटा दिया गया था। चुनाव खत्म होते ही इन्हें वापस अटेर एसडीओपी के पद पर पदस्थ कर दिया गया था। इस प्रकार से इंदरवीर सिंह भदोरिया की पॉलीटिकल पावर का प्रदर्शन किया गया था।
सन 2018 में भिंड जिले में पत्रकार संदीप शर्मा की संदिग्ध मृत्यु हुई थी। इस मामले में भी इंदरवीर भदौरिया पर आरोप लगे थे परंतु बाद में इन्हें क्लीन चिट मिल गई थी। एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें अवैध रेत इंदरवीर भदौरिया परिवहन कराने के बदले रिश्वत लेते हुए दिखाई दे रहे थे। इस मामले की डिपार्टमेंटल इंक्वायरी हुई। इस बार एसडीओपी इन्द्रवीर भदौरिया को क्लीन चिट नहीं मिली।
रिश्वत लेने का आरोप सही पाया गया। मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग ने MPPSC के पास औपचारिक कार्रवाई के लिए मामला भेज दिया था। जहां से मध्यप्रदेश राज्य पुलिस सेवा के राजपत्रित अधिकारी इंदरवीर भदौरिया से उनका पद छीन लिया गया। अब वह मध्य प्रदेश पुलिस में एक इंस्पेक्टर के पद पर काम करेंगे।