RAILWAY अधिकारी भाटी का शव ट्रैक पर मिला, मां ने वरिष्ठ अफसरों पर आरोप लगाया

अनूपपुर।
मध्य प्रदेश में अनूपपुर-शहडोल के बीच चल रहे नॉन इंटरलॉकिंग काम के दौरान रेलवे के (ARM) योगेंद्र सिंह भाटी ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौत हो गई है। ARM योगेंद्र सिंह भाटी की पत्नी भी रेलवे में पदस्थ हैं। वे जबलपुर में असिस्टेंट ऑपरेटिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। छ माह पहले ही उनकी शादी हुई थी। दिवंगत भाटी 2018 IRTS बैच के अफसर थे और मूलत: राजस्थान के रहने वाले हैं। हादसे की खबर मिलते ही पत्नी सहित परिजन भी धनपुरी हॉस्पिटल पहुंच गए थे।

अनूपपुर और शहडोल के बीच तीसरी रेल लाइन के लिए 17 जून से 26 जून तक नॉन इंटरलॉकिंग का काम चल रहा है। इसकी वजह से कई गाड़ियों को ब्लॉक दिया गया है और ट्रेनें कैंसिल हैं। गुरुवार को यहां काम के दौरान शाम करीब 7.30 अमलाई आरआरआई केबिन के पर एक पटरी पर मालगाड़ी और दूसरी पर कटनी-बिलासपुर मेमू ट्रेन आ गई। ट्रेन आता देख सभी कर्मचारी और मजदूर रेलवे लाइन के किनारे हो गए। कुछ लोग दो लाइन के बीच की खाली जगह पर खड़े थे।

ट्रेन के गुजरने के बाद लोगों ने देखा कि दोनों ट्रैक के बीच ARM भाटी रेलवे ट्रैक के किनारे खून से लथपथ घायल पड़े थे। उन्हें देखकर हड़कंप मच गया। आनन-फानन में उन्हें रात करीब 8.30 बजे धनपुरी सेंट्रल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत बता दिया। राजस्थान के उदयपुर निवासी योगेंद्र सिंह भाटी बैकुंठपुर में क्षेत्रीय रेल प्रबंधक पर कार्यरत थे। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त वह सभी के साथ काम में जुटे थे। ARM भाटी अचानक कब और कैसे ट्रेन की चपेट में आए, इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी।

प्रारंभिक जांच व पूछताछ में पता चला है कि रेलवे के क्षेत्रीय प्रबंधक योगेंद्र सिंह भाटी काम के दौरान RRI केबिन गए थे। वहां ऑफिशियल काम करने के बाद केबिन से उतरकर रेलवे ट्रैक की तरफ आ रहे थे। हालांकि, काम के दौरान किसी को उनके आने की भनक नहीं लगी। तभी एक साथ दो ट्रैक पर मालगाड़ी और मेमू लोकल आ गई। ट्रेन गुजरने के बाद ARM भाटी को दोनों ट्रैक के बीच में घायल पड़े देखा गया।

मां बोली मानसिक दबाव में था

ARM योगेंद्र सिंह भाटी की मां ने वरिष्ठ अफसरों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सीनियर लंबे समय से परेशान कर रहे थे। उनका बार-बार ट्रांसफर किया जाता था। सुविधा के लिए गाड़ी भी नहीं दी जाती। इसके चलते वह मानसिक तनाव में रहते थे। मां ने आरोप लगाया कि बिना सिग्नल के ही ट्रेन के छोड़ दिया गया। इसी कारण चपेट में आने से उनके बेटे की मौत हुई है। फिलहाल इस संबंध में रेलवे का कोई अफसर बोलने को तैयार नहीं है।
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