सड़क का निर्माण किसी भी ठेकेदार द्वारा किया जाता है एवं निर्माण विभाग द्वारा एक परिसीमा तय की जाती है की सड़क की अगर खराबी होती है तब उसकी जबाबदारी होती है की तय सीमा के अंदर सड़क की मरमत समय पर करेगा, तब ठेकेदार की संविदा शर्त का समय समाप्त हो जाता है।
तब प्राधिकृत अधिकारी जिसे केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार नियुक्त करती है उसे सड़क की मरमत, डिजाइन, चिन्हों आदि मापदंड का ध्यान रखना चाहिए जिससे की किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना न हो। लेकिन अगर किसी खराब सड़क के कारण व्यक्ति की मृत्यु हो जाए या घोर उपहति (50%से अधिक निःशक्तता) हो जाए तब ऐसे में किस पर कार्यवाही होगी जानिए।
मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 198 (क) की परिभाषा
जो कोई प्राधिकारी, संविदाकार(ठेकेदार),या रिसीवर(ग्राही) सड़क डिजाइन, सनिर्माण, मरम्मत एवं रख-रखाव के मानकों (मापदंडों) का अनुपालन करेगा जो नियम केंद्रीय सरकार द्वारा वैध हैं,उनकी जानबूझकर की गई लापरवाही के कारण अगर किसी व्यक्ति की सड़क दुर्घटना से मृत्यु हो जाती है या घोर उपहति के कारण निःशक्त हो जाता है तब प्राधिकारी, ठेकेदार(संविदा शर्त की सीमा के अंदर) या रिसीवर पर एक लाख रुपए जुर्माना एवं उसका जो भी संदाय(भुगतान) आर्थिक क्लेम(दावा) होगा गठित निधि में किया जाएगा।
नोट:- संदाय का भुगतान अधिनियम की धारा 164 एवं 164(ख) के नियमों केअधीन किया जाएगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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