यह भारत के हर शहर में होता है। कुछ लोग स्टैंड पर खड़े हुए वाहन पर जाकर ऐसे बैठ जाते हैं जैसे वह वाहन शासन द्वारा आम नागरिकों के बैठने के लिए खड़ा किया गया है। कुछ लोग वाहन का साइड मिरर घुमा कर उसका निजी उपयोग कर लेते हैं। कभी-कभी सीट कवर को गंदा कर जाते हैं। सवाल यह है कि क्या इस तरह के शरारती तत्वों के खिलाफ कोई दंड का प्रावधान है। आइए आज यही पता लगाते हैं:-
मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 198 की परिभाषा:-
जो कोई व्यक्ति किसी खड़े हुए वाहन में अनधिकृत हस्तक्षेप करेगा अर्थात विधिपूर्वक किसी स्थान पर खड़े वाहन (वाइक, कार, बस, ट्रक आदि कोई भी) में प्रवेश करेगा या चढ़ेगा, यान के ब्रेक से छेड़खानी करेगा, या यान के किसी भी भाग को खराब करेगा तब ऐसा करने वाले व्यक्ति पर 1000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
सरल शब्दों में कहीं दो यदि कोई व्यक्ति चोरी की नियत से नहीं लेकिन अपनी सुविधा के लिए, किसी व्यक्ति को तंग करने के लिए, या यूं ही अपने आनंद के लिए किसी व्यक्ति के खड़े हुए वाहन का अनाधिकृत उपयोग करता है, तो ऐसा व्यक्ति मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 198 के तहत दंड का पात्र होगा।
आज के बाद यदि कोई आपकी बाइक या स्कूटर पर इस प्रकार की शरारत करे तो उसे, इस आर्टिकल की लिंक सेंड कर देना। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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