भोपाल। कर्मचारियों के शोषण और मजबूरी का फायदा उठाने वाली सरकारी पॉलिसी यदि देखना हो तो मध्य प्रदेश शासन के राज्य शिक्षा केंद्र के आदेश निर्देशों का अध्ययन कीजिए। मनुष्य के जीवन से इस प्रकार का खिलवाड़ शायद ही किसी शासकीय सेवा में हुआ हो।
सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश के 48000 अतिथि शिक्षकों को 30 अप्रैल 2022 को एक झटके में बेरोजगार कर दिया गया है। राज्य शिक्षा केंद्र ने दिनांक 2 मई 2022 को मध्य प्रदेश के समस्त प्राचार्य डाइट एवं जिला परियोजना समन्वयक के नाम एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में बताया है कि कक्षा 1 एवं कक्षा 2 के शिक्षकों को ट्रेनिंग दिया जाना है। जिन शालाओं में एक भी नियमित शिक्षक नहीं है, वहां के अतिथि शिक्षक को ट्रेनिंग में भेजा जाए।
सवाल यह है कि जिस अतिथि शिक्षक को 30 अप्रैल को नौकरी से निकाल दिया गया है उसे ट्रेनिंग में भेजने से पहले नियुक्ति पत्र कौन देगा। क्या उस बेचारे को बिना वेतन के प्रशिक्षण में शामिल होना होगा। कक्षा 10 हाई स्कूल एवं कक्षा 12 हाई सेकेंडरी स्कूल की परीक्षाओं में नियमित शिक्षकों से अच्छा प्रदर्शन करने वाले अतिथि शिक्षकों को रिजल्ट आने की तीसरे दिन नौकरी से निकाल देना। कानूनी अपराध हो ना हो, पाप जरूर है। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.