सिक्कों के किनारे पर दांत क्यों होते हैं, सिर्फ डिजाइन या कोई बड़ी इंपॉर्टेंट बात- GK in Hindi

COINS यानी सिक्के तो सभी ने देखे हैं और सब यह भी जानते हैं कि उनके किनारों पर दांत होते हैं। शायद यह भी सभी जानते होंगे कि दुनिया भर के सभी सिक्कों में यह समानता होती है। सभी के किनारों पर दांत होते हैं। सवाल यह है कि ऐसा क्यों होता है। क्या यह दुनिया का सर्वमान्य सिक्कों का डिजाइन है या फिर इसके पीछे कोई बड़ी इंपॉर्टेंट बात है। आइए जानते हैं। 

सिक्कों का इतिहास, मजेदार जानकारियां 

यह अपने आप में पूरा एक सब्जेक्ट होता है। जिसे मुद्रा शास्त्र, सिक्का शास्त्र और अंग्रेजी में Numismatics कहते हैं। अनुमान लगाया गया है कि ईसा पूर्व सातवीं शताब्दी के लगभग पश्चिम एशिया के यूनानी नगरों में सबसे पहले सिक्कों का प्रचलन प्रारंभ हुआ। भारत में 500 ईसा पूर्व गौतम बुद्ध के समय धातु के सिक्कों का प्रचलन प्रारंभ हुआ जो सोना, चांदी, तांबा एवं अन्य बहुमूल्य धातुओं से बनाए जाते थे। 

उन दिनों सिक्कों के किनारों पर दांत नहीं होते थे। सिक्कों के वजन के अनुसार उसका मूल्य निर्धारित किया जाता था परंतु कुछ जालसाज सिखों के किनारों से पतली सी परत निकाल लेते थे, क्योंकि सिक्का राजकोष से जारी होता था इसलिए उसका बाजार मूल्य कम नहीं हो पाता था। 

इसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए सिक्कों के किनारों पर दांत बनाए गए और उसके दोनों तरफ विभिन्न प्रकार के चित्र और डिजाइन बनाई गई। ताकि यदि कोई सिक्के से धातु निकालने की कोशिश करे तो पकड़ा जाए। सिक्कों से धातु की चोरी रोकने के लिए उसके किनारों पर दांत बनाए गए थे। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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