इमरजेंसी वाहनों को निकलने का रास्ता ना देने वाले ड्राइवर को क्या सजा दी जाती है, जानिए- MV Act,1988

Motor vehicle act 1988 section D

एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, पुलिस डिपार्टमेंट का क्विक रिस्पांस व्हीकल जिसे कई राज्यों में डायल-100 या फिर पुलिस PCR के नाम से जाना जाता है, यह सभी इमरजेंसी वाहनों की श्रेणी में आते हैं। उपरोक्त सभी और ऐसे कई प्रकार के वाहन इमरजेंसी वाहन कहलाते हैं। 

ऐसे वाहनों को रास्ता देना सामाजिक सभ्यता भी है और कानूनी बाध्यता भी, लेकिन कुछ लोग कानून के बारे में नहीं जानते इसलिए संकट में पड़ जाते हैं। आइए हम बताते हैं कि किस कानून के तहत इमरजेंसी वाहन को रास्ता देना अनिवार्य है और यदि ऐसा नहीं किया तो किस प्रकार का दंड प्राप्त होगा।

मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा (ड:) की परिभाषा

अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर कर किसी इमरजेंसी (आपातकालीन) वाहन जैसे फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, या कोई वाहन जो राज्य सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट किया गया है उसे अपने मोटर यान द्वारा निकलने का रास्ता नहीं देखा तो ऐसे व्यक्ति को 6 माह का कारावास या दस हजार रुपए जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !