नई दिल्ली। आम नागरिकों के आधार नंबर का दुरुपयोग रोकने से बचाने के लिए UIDAI द्वारा जारी की गई एडवाइजरी वापस ले ली गई है। यानी कि एक बार फिर UIDAI ने नागरिकों को उनके ज्ञान और विवेक पर (आप जानो आपका काम जाने वाली स्थिति में) अकेला छोड़ दिया है। आधार नंबर खतरे में रहेगा और कभी भी कोई शातिर बदमाश दुरुपयोग कर सकता है।
यूआईडीएआई ने अपने ताजा बयान में कहा कि “प्रेस रिलीज के गलत वर्णन की संभावना को देखते हुए इस एडवाइजरी को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जा रहा है।’ यूआईडीएआई ने अपने बयान में कहा, ‘यूआईडीएआई द्वारा जारी आधार कार्ड धारकों को ये सलाह दी जाती है कि वे अपने यूआईडीएआई आधार नंबरों का इस्तेमाल ठीक तरह से करें और इसको शेयर करते समय सावधानी बरतें.’
इससे पहले केंद्र सरकार ने प्रेस रिलीज जारी कर नागरिकों को सलाह दी थी कि वे दुरुपयोग को रोकने के लिए अपने आधार कार्ड की केवल मास्क्ड कॉपी (Masked Aadhaar) ही शेयर करें। हर कार्डधारक अपने आधार की मास्क्ड कॉपी (Masked Aadhaar) आसानी से डाउनलोड कर सकता है। Masked Aadhaar सामान्य आधार कार्ड के ही समान है, जिसमें अंतर यह है कि आधार नंबर आंशिक रूप से छिपा हुआ है। इसमें केवल आधार नंबर के आखिरी चार अंक दिखाई देते हैं।
रविवार को प्रेस विज्ञप्ति में सरकार ने कहा, 'अपने आधार की फोटोकॉपी किसी भी संगठन के साथ साझा न करें क्योंकि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, बिना लाइसेंस वाली निजी संस्थाओं को आधार कार्ड की कॉपी मांगने या रखने का अधिकार नहीं है। यानी होटल या सिनेमा हॉल की तरह हर कोई संस्था आधार की कॉपी नहीं मांग सकती है।
साथ ही सरकार ने कहा, 'केवल वे संगठन जिन्होंने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से लाइसेंस प्राप्त किया है, वे किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए आधार का उपयोग कर सकते हैं।' सरकार ने नागरिकों से अपने आधार कार्ड साझा करने से पहले यह सत्यापित करने के लिए कहा कि किसी संगठन के पास यूआईडीएआई से वैध लाइसेंस है या नहीं।