MP specific Corrupt Practices Prevention Act,1982
शासकीय निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए कई बार शासन द्वारा ठेकेदारों को कोई मशीन या सामग्री उपयोग के लिए दी जाती है। ठेकेदार की जिम्मेदारी होती है कि काम पूरा होने के बाद वह मशीन या सामग्री सरकार को वापस लौटा दे। यदि ठेकेदार ऐसा नहीं करता तो उसके खिलाफ किस कानून के तहत कार्रवाई होगी। यहां पढ़िए:-
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम, 1982 की धारा 7 की परिभाषा:-
जो कोई किसी निर्माण कार्य का ठेकेदार हैं एवं सरकार के निर्माण विभाग द्वारा उसे किसी भी प्रकार की सामग्री दी गई है सहायता के लिए, वह ऐसी सामग्री को कार्य पूर्ण होने के बाद बेचेगा या कहीं भेज देगा या कहीं छुपा देगा, तब ऐसा करने वाला ठेकेदार उपर्युक्त धारा के अंतर्गत दोषी होगा।
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम,1982 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं, पुलिस अधिकारी आरोपी को बिना वारण्ट के गिरफ्तार करने की शक्ति रखता है【अधिनियम की धारा 39(1) के अनुसार】, लेकिन थाने में एफआईआर करवाने से पूर्व राज्य सरकार या प्राधिकृत अधिकारी की मंजूरी (अनुमति) होना आवश्यक है। इन अपराधों की सुनवाई का अधिकार सत्र न्यायालय को हैं। सजा-इस अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com