राजगढ़। बिजली कंपनी के अधिकारियों की रिश्वतखोरी और तानाशाही से परेशान होकर किसानों ने उनके खिलाफ सबूत एकत्रित किए और फिर विधायक रामचंद्र दांगी को बिजली कंपनी के एमडी से मिलने के लिए भेजा। नतीजा डीई कमलकांत सिंह, ब्यावरा शहर के एई उमेश विश्वकर्मा व ग्रामीण क्षेत्र के जेई मुकेश मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया।
किसानों से ट्रांसफार्मर के लिए ₹30000 रिश्वत ली जा रही थी: विधायक
जानकारी के मुताबिक ब्यावरा से कांग्रेस विधायक रामचंद्र दांगी ने 14 मार्च को भोपाल में शाम 4 बजे विद्युत मंडल के एमडी गणेश शंकर मिश्रा से मय सबूत के साथ तीनों अधिकारियों पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। उन्होंने शिकायत में बताया था कि संबंधित अधिकारियों द्वारा बिजली के वाजिब काम के बदले में रिश्वत ली जा रही है। ट्रांसफार्मर रखने के लिए बिना राशि लिए तीनों अधिकारी न तो स्वीकृति प्रदान करते हैं और न ही फाइल आगे बढ़ाते हैं। इतना ही नहीं है। संबंधित अधिकारियों द्वारा एक-एक ट्रांसफार्मर पर 15 से 30 हजार तक अधिक ले रहे थे। यह शिकायतें विधायक दांगी ने मय प्रमाण के बिजली कंपनी के अधिकारी से की थी।
MP KISAN NEWS- 5hp की मोटर 15hp का केस बनाते हैं
इसके अलावा दूसरे यह भी शिकायत में उल्लेख किया था कि किसानों के ऊपर वसूली के नाम पर झूंठे बिजली चोरी के प्रकरण बनाए जा रहे हैं। जिस किसान की 5 हार्स पावर की पानी की मोटर चलती हुई पकड़ी जाती है उसके 15-15 हार्स पावर के चोरी के केस बनाए जा रहे थे। जिनका जिक्र भी शिकायतों में मय प्रमाण के किया गया था।
शिकायतें सामने आने के बाद एमडी मिश्रा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराई गई। जांच में तीनों अधिकारी दोषी पाए जाने पर डीई कमलकांत सिंह, ब्यावरा शहर के एई उमेश विश्वकर्मा व ग्रामीण क्षेत्र के जेई मुकेश मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.