भोपाल। कश्मीरी ब्राह्मणों के संवेदनशील विषय पर फिल्म बना कर विवेक अग्निहोत्री ने पूरे भारत का दिल जीत लिया था परंतु भोपाल के नागरिकों (भोपाली) के बारे में विवादित बयान देकर उन्होंने साबित कर दिया कि उनकी मानसिकता इतनी संकीर्ण है। आइए पढ़ते हैं विवेक अग्निहोत्री और उनके पिता का भोपाल से क्या रिश्ता है, और विवेक ने भोपाली के बारे में क्या कहा।
विवेक अग्निहोत्री के पिता को भोपाल कैसा लगता था
विवेक के पिता प्रभु दयाल अग्निहोत्री ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (जिसे अब MLB कॉलेज कहा जाता है) में संस्कृत के प्रोफ़ेसर थे। प्रोफेसर प्रभु दयाल के जीवन में दो महिलाएं थी। विवेक अग्निहोत्री, प्रोफेसर प्रभु दयाल की दूसरी पत्नी की संतान हैं। प्रोफेसर प्रभु दयाल का बड़ा बेटा UAS में था। सन 1971 में विवेक अग्निहोत्री के पिता हिंदी ग्रंथ अकादमी के संचालक बनकर भोपाल आए। भोपाल में उनकी योग्यता का सम्मान किया गया। भोपाल यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर बनाया गया। विवेक अग्निहोत्री के पिता को भोपाल शहर इतना पसंद आया कि रिटायर होने के बाद भी वह भोपाल में ही रहे। उन्होंने अपनी पहचान भोपाली बना ली। जबकि वह मूल रूप से उत्तरप्रदेश के धनोरा गांव के रहने वाले कान्यकुब्ज ब्राह्मण हैं। 2008 में विवेक के पिता का भी देहांत हो गया।
विवेक अग्निहोत्री का भोपाल के नागरिकों के बारे में आपत्तिजनक बयान
वायरल वीडियो में विवेक अग्निहोत्री कह रहे हैं... 'मैं तो भोपाल में बड़ा हुआ हूं, लेकिन मैं भोपाली नहीं हूं। क्योंकि, भोपाली का एक अलग कोनोटेशन है। किसी भोपाली से पूछिए। मैं आपको कभी अकेले में समझाऊंगा। लोग बोलेंगे ये भोपाली हैं, उसका मतलब जनरली होता है कि ये होमोसेक्सुअल हैं। नवाबी शौक वाला व्यक्ति है।' विवेक अग्निहोत्री ने यह बात एक टीवी चैनल से चर्चा में कही है।
आदरणीय @vivekagnihotri जी मुझे नहीं पता भोपाल को लेकर आपकी ये समझ कैसे और क्यों बनी वैसे समलैंगिक होना कोई पाप नहीं है लेकिन आप जिस लहज़े में बता और जता रहे हैं वो निश्चित तौर पर इस बारे में भी आपकी सोच बता रहा है, मेरे शहर की महान विरासत है, फक्र है भोपाली होने पर! pic.twitter.com/e6MQRMD42x
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) March 25, 2022