JABALPUR NEWS- व्यापम घोटाला -2 की जांच कमेटी भंग, हाईकोर्ट का आदेश

जबलपुर
। Madhya Pradesh Medical Science University, Jabalpur परीक्षा घोटाले मामले की जांच कर रही एडिशनल कलेक्टर की चेयरमैनशिप वाली 5 सदस्य इन्वेस्टिगेशन कमेटी को हाईकोर्ट ने जांच के अयोग्य घोषित कर दिया है। मामले की जांच के लिए मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने रिटायर्ड हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी परीक्षा घोटाले को व्यापम घोटाला पार्ट टू का नाम दिया गया है।

मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने मध्यप्रदेश शासन एवं मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट को नई इन्वेस्टिगेशन कमेटी गठित करने के लिए 1 सप्ताह का समय दिया है। यह जांच कमेटी एक माह के भीतर अपना निष्कर्ष प्रस्तुत करेगी। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए लगा। 

गंभीर मामलों की जांच एडिशनल कलेक्टर से कराने पर आपत्ति

जनहित याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद मिश्रा व अधिवक्ता अंकिता अग्रवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ व अमिताभ गुप्ता ने पक्ष रखा।दलील दी गई कि हाई कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बावजूद इस अत्यंत गंभीर मामले में राज्य शासन का रुख लापरवाही से भरा और हास्यास्पद है। आलम यह है कि इतने गंभीर मामले में एडिशनल कलेक्टर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी। 

शिवराज सिंह सरकार घोटाले को दबाने की कोशिश कर रही है

माइंडलॉजिस्टिक इंफ्राटेक लिमिटेड कंपनी को परीक्षा का ठेका दिए जाने के बाद से मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी, जबलपुर में अनियिमतता से साख पर जबरदस्त बट्टा लगा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद से दो माह गुजर गए लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इस संदर्भ में अलग से आवेदन प्रस्तुत कर उच्चस्तरीय जांच पर बल देने के बावजूद ऐसा नहीं किया गया। सेवानिवृत्त हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता के बदले एक एडिशनल कलेक्टर को जांच का मुखिया बनाने जैसी गलती की गई है। 

भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए अयोग्य जांच कमेटी गठित की

हाई कोर्ट के पूर्व निर्देश के पालन में राज्य शासन की ओर से बाकायदे मुख्य सचिव के हलफनामे पर जानकारी पेश की गई। जिसके जरिये पांच सदस्यीय कमेटी के गठन से अवगत कराया गया। जानकारी रिकार्ड पर लेकर हाई कोर्ट ने जमकर नाराजगी जताई। साथ ही तल्ख टिप्पणी में कहा कि मेडिकल साइंस यूनविर्सिटी मामले में जांच कमेटी ऐसी होनी चाहिए कि विश्वास कायम रहे। इस जांच कमेटी में कम्प्यूटर व साइबर एक्सपर्ट के अलावा डीआइजी स्तर से नीचे का अधिकारी नहीं होना चाहिए।

05 अक्टूबर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

Income Tax New slabs rates- कर्मचारी और प्रोफेशनल्स के लिए आयकर की नई टेबल
MP NEWS- चयनित शिक्षक और कर्मचारी चिंता ना करें, जायज अधिकार दिए जाएंगे: मुख्यमंत्री
GK in Hindi- सामाजिक रीति-रिवाज से हुआ विवाह कब अवैध हो जाता है
AISSEE-2022 का कार्यक्रम घोषित, सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा
MP NEWS- MPTET पास विज्ञान सह विषयों के उम्मीदवार पुलिस हिरासत में
MP NEWS- CM शिवराज सिंह ने भरे मंच से सीईओ जनपद पंचायत हटाया
MP NEWS- चयनित शिक्षिकाओं की अनंतिम सूची पर आपत्तियां आमंत्रित
MP CORONA NEWS- मेडिकल काउंसिल का अलर्ट जारी, तीसरी लहर का खतरा शुरू
RDVV JABALPUR DET NEWS- आवेदन एवं परीक्षा की तारीख बदली
MP NEWS- Phd स्कॉलरशिप, Bsc नर्सिंग EET के लिए आवेदन आमंत्रित
MP NEWS- मध्यप्रदेश में जमीन के डायवर्सन हेतु ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, यहां पढ़िए

महत्वपूर्ण, मददगार एवं मजेदार जानकारियां

GK in Hindiएक हथियार जिसने वर्ल्ड वॉर-2 में सबसे ज्यादा तबाही मचाई, और फिर बैन कर दिया गया
GK in Hindiसमुद्र से 125 मीटर नीचे एक देश, जहां नालों में ज्वालामुखी का लावा बहता है
GK in Hindi- 3 प्रकार के विवाह, जिसमें लड़की को पत्नी का कानूनी अधिकार नहीं मिलता है 
GK in Hindiभारत के ऐसे राज्य जहां दोपहर में ऑफिस खुलते, रात में बंद होते हैं
GK in Hindiएक ऐसा देश जहां 73 दिनों तक सूर्यास्त नहीं होता
:- यदि आपके पास भी हैं ऐसे ही मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !