भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नीलबड़ इलाके के प्रभावशाली एवं लोकप्रिय जमींदार विजय सिंह मारण की डेड बॉडी केरवा नर्सरी इलाके में सागौन के पेड़ पर लटकी हुई मिली है। पुलिस एवं जमींदार का एक बेटा इसे आत्महत्या मान रहे हैं जबकि ना तो कोई सुसाइड नोट मिला है और ना ही उनको जानने वाले यह मानने के लिए तैयार हैं कि वह आत्मघाती कदम उठा सकते हैं।
विजय सिंह मारण, नील बड़े इलाके के बड़े जमीदार थे
पुलिस के मुताबिक, नीलबड़ निवासी विजय सिंह मारण (58) की इलाके में बड़े जमींदारों में भी गिनती होती थी। पुलिस ने बताया कि विजय सिंह के दो बेटे हैं एवं दो भतीजे हैं। चारों को वह अपनी संतान मानते थे। समाज में उनकी काफी प्रतिष्ठा थी और लोग अपनी समस्याओं में उनसे समाधान मांगने आते थे। विजय सिंह भी लोगों की काफी मदद किया करते थे।
कर्मचारी से फोन पर कहा था चारों बेटों को अर्जेंट भेज दो
पुलिस ने बताया कि विजय सिंह की डेड बॉडी को सबसे पहले उनके बेटे अमरीश मारण उर्फ गोलू ने देखा। अमरीश का कहना है कि पेट्रोल पंप पर काम करने वाले एक कर्मचारी को पिता विजय सिंह ने फोन करके कहा था कि चारों बेटों को जल्दी से केरवा नर्सरी के पास भेज देना। उनसे अर्जेंट बात करनी है।
कर्मचारी ने सिर्फ एक बेटे को सूचना दी, और 2 घंटे बाद वही पहुंचा
अमरीश का कहना है कि 12:00 बजे उन्हें सूचना प्राप्त हुई और 2:00 बजे वह नर्सरी के पास पहुंच गए थे। मेन रोड से 200 मीटर अंदर जंगल में सागवान के पेड़ पर पिता विजय सिंह का शव लटका हुआ था। श्री विजय सिंह निर्गुण इलाके में भारतीय जनता पार्टी के प्रभावशाली नेता थे एवं सरपंच रह चुके हैं।
श्री विजय सिंह को जानने वालों का कहना है कि उनके जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं थी। पुत्र अमरीश एवं पुलिस का कहना है कि विजय सिंह ने आत्महत्या कर ली है परंतु लोगों का कहना है कि उनके पास आत्मघाती कदम उठाने के लिए कोई वजह नहीं थी। वह तो लोगों को डिप्रेशन में जाने से रोकते थे। लोगों की मदद किया करते थे और उनके व्यक्तिगत जीवन में किसी प्रकार का तनाव नहीं था। महत्वपूर्ण भोपाल समाचारों के लिए कृपया BHOPAL SAMACHAR लिंक पर क्लिक करें