चंबल के 672 डाकुओं का सरेंडर कराने वाले सुब्बाराव का निधन - GWALIOR NEWS

Bhopal Samachar
ग्वालियर
। चंबल के जिन डाकुओं को पकड़ने में अर्जुन सिंह सरकार नाकाम रही ऐसे 672 डकैतों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने और तत्कालीन मुख्यमंत्री के सामने समर्पण करवाने वाले एसएन सुब्बाराव का निधन हो गया। श्री सुब्बाराव भारत के प्रख्यात गांधीवादी विचारक थे। 

एसएन सुब्बाराव के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम 

राजस्थान की राजधानी जयपुर में सुबह 6:00 बजे श्री सुब्बाराव का निधन हुआ। सुब्बाराव ने जौरा में गांधी आश्रम की स्थापना की थी। उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था।एसएन सुब्बाराव का पार्थिव शरीर दोपहर 12 बजे जयपुर से मुरैना के लिए रवाना होगा। शाम को 5 बजे मुरैना बैरियर चौराहे पर पहुंचेगा। इसके बाद जौरा स्थित गांधी आश्रम में ले जाया जाएगा। वहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। एसएन सुब्बाराव की मुख्य कर्म भूमि मुरैना रही है। यहां उन्होंने सन 1970 के दशक में 672 डाकुओं का सरेंडर कराया था। 

मध्य प्रदेश के इतिहास में सुब्बाराव को हमेशा याद किया जाएगा 

मध्य प्रदेश के इतिहास में श्री एसएन सुब्बाराव को हमेशा याद किया जाएगा। चंबल में डाकुओं की समस्या तत्कालीन नहीं थी बल्कि पीढ़ियों पुरानी थी। जिन 672 डकैतों ने श्री सुब्बाराव के कहने पर आत्मसमर्पण किया वह सभी खुद को अपराधी नहीं बल्कि बागी कहते थे। डाकू बनने के पीछे सबकी अपनी कहानी थी और हर कहानी के मूल में सरकार का फैलियर था या फिर पुलिस का अत्याचार था। इस तरह के बागियों के मन में सरकार के प्रति विश्वास जगाना और 5000 से ज्यादा लोगों की हत्या कर चुके 672 डाकुओं को सरेंडर के लिए राजी कर लेना निश्चित रूप से वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
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