MP COLLEGE NEWS- पढ़िए नई शिक्षा नीति की मजेदार बातें

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्य प्रदेश में धूमधाम के साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। इसके तहत कोर्स भी डिजाइन कर लिए गए हैं। इस साल ग्रेजुएशन के लिए फर्स्ट ईयर में जितने भी एडमिशन हो रहे हैं, नई शिक्षा नीति के अनुसार डिजाइन किए गए कोर्स से पढ़ाई करेंगे। नई एजुकेशन पॉलिसी की सबसे खास बात यह है कि यदि आप 3 वाली ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए, एडमिशन लेते हैं और पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ती है तो आपका साल खराब नहीं होगा। फर्स्ट ईयर पास करने पर सर्टिफिकेट, सेकंड ईयर पास करने पर डिप्लोमा और थर्ड ईयर पास करने पर डिग्री मिलेगी। यानी हर साल काम का है और हर मार्कशीट का अपने करियर प्लैनिंग के लिए उपयोग किया जा सकता है।

मल्टीपल एंट्री एग्जिट सिस्टम और च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम

इस बार कालेजों में मल्टीपल एंट्री एग्जिट सिस्टम और च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया गया है। इसमें स्नातक में विद्यार्थी को पारंपरिक विषय के साथ एक व्यावसायिक पाठ्यक्रम अनिवार्य विषय के रूप में लेना होगा। विद्यार्थियों को कला, वाणिज्य और विज्ञान के विषयों में मिश्रित चयन की स्वतंत्रता होगी यानी कोई भी विद्यार्थी फिजिक्स, केमेस्ट्री के साथ अर्थशास्त्र या कला विषय भी रख सकता है। 

ट्रेडिशनल के बजाय वोकेशनल कोर्स पर फोकस

विद्यार्थियों को इंटर्नशिप के लिए और विकल्प के रूप में एक विषय और चुनना होगा। यह व्यवस्था अभी स्नातक प्रथम वर्ष के लिए है। द्वितीय व तृतीय वर्ष के छात्रों के लिए इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। बता दें कि नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के कॉलेजों में 177 डिप्लोमा और 282 सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए गए हैं। ये सभी कोर्स रोजगारोन्मुखी हैं।

कॉलेज की पढ़ाई में पिछले साल की तुलना में क्या बदल गया है

यूजी के प्रथम वर्ष में एक मुख्य विषय, एक माइनर विषय, एक वैकल्पिक विषय, एक व्यावसायिक पाठ्यक्रम, अनिवार्य विषय के रूप में आधार पाठ्यक्रम, इंटर्नशिप या फील्ड परियोजना का एक विषय लेना होगा। उदाहरण के लिए किसी विद्यार्थी ने बीएससी (फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स) लिया है तो एक मुख्य विषय के रूप में उसने गणित लिया और माइनर विषय के रूप में केमेस्ट्री ले लिया। अब वह एक वैकल्पिक विषय के रूप में फिजिक्स या दूसरे संकाय का इतिहास या अर्थशास्त्र विषय ले सकता है। साथ ही एक व्यावयायिक पाठ्यक्रम भी लेना होगा और आधार विषय के रूप में हिंदी व अंग्रेजी ले सकता है। इसके अलावा इंटर्नशिप या फील्ड परियोजना के रूप में भी एक विषय को चुनना होगा। 

डिग्री पूरी नहीं कर पाए तो भी नुकसान नहीं होगा

नई शिक्षा नीति के तहत कोई विद्यार्थी अगर बीच में ही पढ़ाई छोड़ देता है, तब भी उसे प्रमाणपत्र मिलेगा। पहले विद्यार्थी द्वारा बीच में पढ़ाई छोड़ने पर कोर्स अपूर्ण माना जाता था। बताया जा रहा है कि स्नातक ऑनर्स कोर्स में प्रथम वर्ष में दाखिला लेने के बाद अगर विद्यार्थी एक साल बाद आगे की पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। वहीं कोई विद्यार्थी द्वितीय वर्ष के बाद छोड़ देता है तो उसे डिप्लोमा की मान्यता दी जाएगी। वहीं तृतीय वर्ष के बाद कोई पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे डिग्री प्रदान की जाएगी। चतुर्थ वर्ष पूरा करने के बाद उसे ऑनर्स/रिसर्च की मान्यता दी जाएगी।

सब्जेक्ट समझ ना आए या प्रोफ़ेसर खडूस हो तो विषय बदल सकते हैं

स्नातक की पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों के पास विषय बदलने का भी विकल्प होगा। विज्ञान का विद्यार्थी चाहे तो इतिहास की पढ़ाई भी कर सकता है, लेकिन विद्यार्थियों के लिए यह विकल्प प्रथम व द्वितीय वर्ष में ही होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तैयार किए गए पाठ्यक्रमों में विद्यार्थी अपने पसंद के विषय पढ़कर अपना करियर किस दिशा में बनाना है, यह निर्णय कर सकते हैं। साथ ही ये पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के लिए रोजगारोन्मुखी भी होंगे।

01 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

मध्य प्रदेश मानसून- 6 जिलों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी
मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती को लेकर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला - GWALIOR HC NEWS
MP IAS TRANSFER LIST 2021- मध्य प्रदेश आईएएस अधिकारियों की तबादला सूची
मप्र कैबिनेट मीटिंग का आधिकारिक प्रतिवेदन - MP CABINET MEETING OFFICIAL REPORT
MP NEWS- राज्य शिक्षा केंद्र में सब इंजीनियर एवं कर्मचारियों की ट्रांसफर लिस्ट
Khula Khat- सीएम राईज स्कूल योजना की सफलता संदिग्ध
GWALIOR NEWS- Dr गौरव गुप्ता का सुसाइड नोट- डॉ. एमएल गुप्ता, आपने मेरी हालत पागलों जैसी कर दी
MP NEWS- मध्यप्रदेश में महिला सरपंच के यहां 10 करोड़ की बेनामी संपत्ति मिली
सरकारी स्कूलों में शाला प्रबंधन समिति के चुनाव का कार्यक्रम जारी, PDF DOWNLOAD करें

महत्वपूर्ण, मददगार एवं मजेदार जानकारियां

GK in Hindiभगवान विष्णु विश्राम मुद्रा में क्यों रहते हैं, सिंहासन पर क्यों नहीं बैठते
GK in Hindiहजारों करोड़ के मून मिशन से आम नागरिकों को क्या फायदा हुआ
GK in Hindiश्री कृष्ण पृथ्वी पर कितने साल तक रहे ,पढ़िए आज उनकी आयु कितनी हो गई
GK in Hindi- जूतों के फीते में लगे प्लास्टिक या धातु के लॉक को क्या कहते हैं
GK in Hindiपृथ्वी पर हिमालय लेकिन ब्रह्मांड का सबसे ऊंचा पर्वत कौन सा है
GK in Hindiबिस्किट्स में छोटे-छोटे छेद क्यों होते हैं, सिर्फ डिजाइन है या कोई टेक्नोलॉजी
:- यदि आपके पास भी हैं ऐसे ही मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com
:- यदि आपके पास भी हैं ऐसे ही मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!