सम्माननीय साधना सिंह जी, बलात्कार के आरोपी समाज की प्रतिष्ठा का प्रश्न कैसे हो गए - Khula Khat

सम्माननीय श्रीमती साधना सिंह जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय किरार क्षत्रिय महासभा, मुख्यमंत्री निवास, श्यामला हिल्स, भोपाल, मध्य प्रदेश! यह कि मैं ललित मुदगल, मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में पत्रकारिता करता हूं, एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय की मंशा के अनुसार समाज में पनप रहे माफिया और अपराधियों को हतोत्साहित करने का यथासंभव प्रयास करता हूं।

यह कि पिछले दिनों पोहरी थाना क्षेत्र में चार बदमाशों ने 15 साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर गैंगरेप किया। माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं आप स्वयं नियमित रूप से कन्या पूजन करते हैं एवं मुख्यमंत्री महोदय ने व्यक्तिगत रुचि लेकर इस तरह के अपराधियों को फांसी पर लटकाने का कानून बनाया है।

यह कि दिनांक 18 जनवरी 2021 को अखिल भारतीय किरार क्षत्रिय महासभा की शिवपुरी इकाई के कुछ पदाधिकारियों ने पुलिस अधीक्षक महोदय को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें इस घटना से संबंधित समाचार पर आपत्ति जताई गई है। 

यह कि इस प्रकार का ज्ञापन देकर महासभा के कुछ पदाधिकारियों ने बलात्कारियों के खिलाफ समाचार छापने वाले पत्रकारों को हतोत्साहित करने का प्रयास किया है एवं इस तरह की गतिविधि भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत प्रेस को प्रदत्त किए गए स्वतंत्रता के अधिकार को बाधित करने का प्रयास है।

जब किसी समाज का बच्चा अवार्ड प्राप्त करता है तो पूरा समाज गौरवान्वित होता है। तो क्या समाज की है जिम्मेदारी नहीं है कि ऐसे व्यक्तियों का समाज में तब तक के लिए दाना पानी बंद कर दिया जाए जब तक कि उनके माथे पर किसी मासूम बच्ची की बलात्कार का कलंक लगा हो।

यदि मेरे किसी भी शब्द से आपकी महासभा के किसी भी पदाधिकारी की भावनाएं आहत हुई है तो मैं पूरे समाज के सामने हाथ जोड़कर क्षमा मांगने के लिए तैयार हूं परंतु 15 साल की मासूम बच्ची के साथ घिनौना काम करने वालों को समाज से बहिष्कृत और उन्हें बचाने वालों को महासभा से बाहर तो करना चाहिए ना।

निवेदनः आप सम्मानीय श्रीमती साधना सिंह चौहान, व्यक्तिगत जीवन में प्रतिदिन कन्या पूजन करने वाली महिला है। 15 साल की मासूम बच्ची का कष्ट आप भली भांति समझती है। मुझे पूरा विश्वास है कि इस तरह के व्यक्तियों की आपके संगठन में कोई जगह नहीं हो सकती जो बलात्कार के आरोपियों को संरक्षण प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं। आरोपियों का समाज से बहिष्कार करने के बजाए उनके खिलाफ छपने वाली खबरों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!