केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना आदेश स्वयं दिव्यांग है! - EMPLOYEE NEWS

भोपाल
। कार्मिक एवं पेंशन मंत्रालय भारत सरकार ने विगत दिनों आदेश जारी कर 2004 से भर्ती केंद्रीय कर्मचारियों एवं परिजनों को नई पेंशन योजना (NPS) के स्थान पर ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) का लाभ देने का निर्णय लिया है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष श्री प्रमोद तिवारी एवं प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि भारत सरकार का उक्त निर्णय स्वयं विकलांग है। 

पुरानी पेंशन की पात्रता के लिए कर्मचारी का दिव्यांग होना जरूरी

जारी आदेशानुसार 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों में से सेवाकाल में दिवंगत या दिव्यांग होने पर ही कर्मचारियों या परिवारों को पुरानी पेंशन योजना में पात्र माना है। भारत सरकार का यह निर्णय असंवैधानिक व मानवाधिकारों के खिलाफ होकर स्पष्ट रूप से भेदभाव उजागर करता है। विडंबना देखिए कार्यरत कर्मचारियों को तो नई पेंशन योजना में व सेवाकाल में दिवंगत व दिव्यांग कर्मचारियों व परिजनों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा। "जिंदा हाथी लाख का व मरने पर सवा लाख का" कहावत चरितार्थ हो रही है। 

"मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ" मांग करता है कि 2004 के बाद नियुक्त लाखों केंद्र के साथ सभी राज्य कर्मचारियों को भी नई पेंशन योजना के बजाय "पुरानी पेंशन योजना" में शामिल किया जावे। आश्चर्य है कि माननीयों को तो पुरानी व कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना  लागू की गई है। नई पेंशन योजना जो जबरिया थोपी गई है इसका कर्मचारियों ने प्रारंभ से ही विरोध किया है। अब भारत सरकार ने सेवा के दौरान दिवंगत व दिव्यांग कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना का निर्णय लिया वह स्वागत योग्य कदम है। इसका विस्तार कर भेदभाव रहित देश व प्रदेश में नियुक्त सभी लाखों कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जाना चाहिए। 

इससे सेवानिवृत होने पर अंतिम वेतन की पचास फीसदी राशि पेंशन के रूप में मिलने से बुढ़ापा सम्मानजनक ढंग से व्यतीत हो सकेगा। नई पेंशन योजना में सरकारों को वेतन का 10 से 14 प्रतिशत अंशदान प्रतिमाह देना होता है। पुरानी पेंशन योजना तमाम कर्मचारियों के लिए लागू करने से अरबों रूपये मासिक अंशदान की बचत के साथ कर्मचारियों के अंशदान को सामान्य भविष्य निधि में तब्दील करने से बचत राशि सरकार के अधिन कई विकास योजना में लग सकती है। पुरानी पेंशन योजना सरकार व कर्मचारी दोनों के लिए लाभकारी है, इसे अविलंब लागू किया जाना चाहिए। 

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