मध्य प्रदेश हनी ट्रैप: इंजीनियर हरभजन सिंह के खिलाफ रेप की याचिका खारिज - MP NEWS

इंदौर
। सन 2020 में देश भर की सुर्खियों में रहे मध्य प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में गिरफ्तार की गई एक लड़की द्वारा लगाई गई याचिका को सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया है। याचिका में लड़की ने मांग की थी कि नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया जाए।

गिरफ्तारी के बाद इंजीनियर हरभजन सिंह पर बलात्कार का आरोप लगाया था

गौरतलब है कि करीब सवा साल पहले हरभजन सिंह ने पलासिया पुलिस थाने पर शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ महिलाएं उसे अश्लील वीडियो के नाम पर ब्लैकमेल कर रही हैं। वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देकर ये महिलाएं उससे तीन करोड़ रुपये मांग रही हैं। मामले की पड़ताल करते हुए पुलिस ने दो महिलाओं को गिरफ्तार किया। ये महिलाएं 50 लाख रुपये की पहली किस्त लेने आई थीं। यह मामला देशभर में मध्य प्रदेश हनीट्रैप नाम से पहचाना गया। पुलिस ने मामले में कुछ अन्य महिलाओं को भी आरोपित बनाया। आरोपित करीब एक साल से जेल में हैं। इन्हीं में से एक महिला आरोपित ने हरभजन सिंह पर दुष्कर्म का केस दर्ज कराने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत किया था। 

सत्र न्यायालय में रिवीजन याचिका पर फैसला हुआ है

जेल मैन्युअल के हिसाब से जेल प्रशासन ने 16 सितंबर को इस आवेदन को इंदौर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया। वहां से आवेदन डीआइजी के पास भेज दिया गया, लेकिन हरभजन के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं हुई। शिकायत के बावजूद जब हरभजन के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं हुई तो महिला आरोपित ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी (जेएमएफसी) के समक्ष आवेदन देकर गुहार लगाई थी कि धारा 156 (3) के तहत हरभजन सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए, लेकिन कोर्ट ने उसका आवेदन खारिज कर दिया। जेएमएफसी कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए महिला आरोपित ने सत्र न्यायालय में रिविजन याचिका दायर कर दी।

हरभजन सिंह की तरफ से वरिष्ठ अभिभाषक अविनाश सिरपुरकर ने पैरवी की। 11 दिसंबर को कोर्ट ने सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को इसे जारी किया गया। कोर्ट ने जेएमएफसी कोर्ट के फैसले को यथावत रखते हुए हरभजन सिंह के खिलाफ दुष्कर्म की धाराओं में एफआइआर दर्ज करने के आदेश देने से इन्कार कर दिया है।

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