BHOPAL नीलबड़ में 87 मकान, 5 दुकान, 2 फैक्ट्री, और हॉस्टल गिराए गए - MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। लॉकडाउन से पहले भोपाल के नीलबड़ इलाके में सस्ती जमीनों के हजारों सौदे हुए हैं। सरकारी टीम ने कार्रवाई करते हुए इनमें से एक मामले में कार्रवाई करते हुए 87 मकान, 5 दुकान, 2 फैक्ट्री और एक छात्रावास गिरा दिया। प्रशासन का कहना है कि यह सभी संपत्तियां सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी। 

सरपंच पति और सचिव ने पूरा रैकेट बना रखा था

जांच के दौरान पता चला कि कलखेड़ा की सरपंच मेहरूननिशा के पति इसरार अहमद, तत्कालीन सचिव राजीव शर्मा की मिलीभगत से चंदर पाटीदार, तुलाराम, राजू जांगड़े, श्याम हरिजन, चंदू खान सहित अन्य ने बेशकीमत सरकारी जमीन पर कॉलोनी काटकर एक-एक लाख स्र्पये में अवैध रूप से बेची जा रही थी। इसके लिए बकायदा 1000 स्र्पये का पंचायत कर लेने की भी राशीद काटी जा रही थी। 

मात्र ₹100000 में 1000 स्क्वायर फिट का प्लॉट, पूरी कॉलोनी काट दी थी

यहां बकायदा रोड बनी हुई है और सरकारी जमीन पर प्लॉट काटे गए है। 80 हजार स्र्पये से लेकर एक लाख स्र्पये लेकर एक हजार वर्गफीट का प्लाट बेचा जा रहा था। मामले की लगातार हो रही शिकायत के बाद एसडीएम कोर्ट में यह मामला चला। जांच हुई और इसके बाद सोमवार को सभी निर्माण को अवैध अतिक्रमण मानते हुए जेसीबी की मदद से हटाया गया। 

कार्यवाही के दौरान 4 थानों की पुलिस मौजूद रही

इस अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान चार थाना क्षेत्र का पुलिसबल की उपस्थिति में एसडीएम क्षितिज शर्मा व तहसीलदार मनोज श्रीवास्तव के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। हैरत की बात तो यह है कि जिन्हें सरकारी जमीन का संरक्षण करना चाहिए था वे ही इस पर अवैध कब्जे कराकर जमीन बेचकर सरकार को करोड़ों स्र्पये का चूना लगा रहे है। प्रशासन का कहना है कि इस कार्रवाई के दौरान उसने ₹250000000 की सरकारी जमीन को मुक्त कराया है।

नीलबड़ में ढाई साल से चल रहा था अवैध प्लाट बेचने का कारोबार

स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां उन्होंने करीब दो से ढाई साल पहले प्लाट खरीदा था। राजू जांगड़े मुख्य रूप से यहां प्लाट बेचने के लिए ग्राहक ढूंढकर लाता था और लोगों को कब्जा दिलाने का काम कर रहा था। वहीं चंदर पाटीदार की पास में ही जमीन है। अपनी जमीन से लगी हुई सरकारी जमीन सरपंच के पति सहित अन्य की मिलीभगत से बेचने का काम चंदर पाटीदार ही करता था। पंचायत निधि से यहां ढाई किलोमीटर की सीसी रोड भी बनी हुई है। इसके चलते यहां धड़ल्ले से प्लाट बेचे जा रहे थे। सभी की मिलीभगत होने के कारण इस मामले पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही थी।
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