किन राजनैतिक घटनाओं को भारत सरकार या राज्य के विरुद्ध युद्ध करना माना जाता है - ASK IPC

भारत में प्रत्येक व्यक्ति को अपने निजी राजनीतिक विचार रखने का अधिकार है और वह उनके प्रचार प्रसार के लिए भी स्वतंत्र है, बशर्ते है कि वह इसमे किसी प्रकार के बल या हिंसा का प्रयोग न करे। शांतिपूर्ण तरीके से राजनीतिक व्यवस्था में परिवर्तन लाना या सत्ता पक्ष की सरकार को गिरा देना या बदल देना भारत सरकार या राज्यों की सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ना नहीं है न ही कोई अपराध माना जाएगा। लेकिन यदि सरकार को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में लोगों को जबरदस्ती इकट्ठा करना या भर्ती करना जो व्यक्ति इकट्ठा या शामिल होने के लिए अपनी इच्छा से तैयार न हो ओर धमकी देकर या लालच देकर सरकार के विरुद्ध वह हिंसा, उत्पात, बल का प्रयोग कर रहे हैं, तब आरोपित व्यक्ति द्वारा किया गया ऐसा कृत्य भारत या राज्यों की सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ना माना जाएगा।

भारतीय दण्ड़ संहिता,1860 की धारा 121 की परिभाषा:-

अगर कोई व्यक्ति भारत या राज्यो की सरकार के विरुद्ध युद्ध का प्रयत्न करेगा, किसी व्यक्ति को उकसाएगा।या सरकार के विरुद्ध विद्रोह, उत्पात, आक्रमण करेगा। जिसमे शीत युद्ध भी शामिल हो ऐसा करने वाला व्यक्ति या व्यक्ति का समूह सभी धारा 121 के अंतर्गत दोषी होंगे
नोट:- इस अपराध में भाग लेने वाले सभी आरोपियों को समान दोषी एवं समान दण्ड दिया जाएगा चाहे वह कितने भी क्यू न हो।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 121के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-

इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं। यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई का अधिकार सत्र न्यायालय को होता है। सजा- इस धारा के अपराध के लिए मृत्यु दण्ड से आजीवन कारावास एवं जुर्माने से दाण्डित किया जा सकता है।

उधरणानुसार वाद:- गणेश डी. सावरकर बनाम सम्राट- आरोपी ने एक काव्य-पुस्तिका प्रकाशित की जिसमें गोरे अंग्रेज शासकों के विरुद्ध तलवार उठाने तथा उन्हें भारत के बाहर खदेड बाहर करने की बात कविता के माध्यम से कही गई थी। इस कविता के माध्यम से भारतीयों से अपील की गई थी कि वे ब्रिटिश राज्य को जड़ से उखाड़ फेकने के लिए गुप्त संस्थाए बनाएं तथा छापामार युध्द की तकनीक अपनाएं। न्यायालय द्वारा यह विनिशिचत किया गया कि कविता से पाठकों को सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ने के लिए उकसाया गया था अतः आरोपी को धारा 121 के अंतर्गत सरकार के विरुद्ध युद्ध के दुष्प्रेरण का दोषी ठहराया गया। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख

कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !