ज्योतिरादित्य सिंधिया के 2 मंत्री 11 विधायक दिग्विजय सिंह के साथ, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में - MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। दलबदल नहीं हुआ है लेकिन दिलबदल हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश के उन 64 विधायकों के सर्वमान्य नेता बन गए हैं जिनके दामन पर मनी लॉन्ड्रिंग का दाग लग गया है। इन 64 विधायकों में शिवराज सिंह सरकार के दो मंत्री और 11 विधायक शामिल हैं। असल में यह सभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। लगभग सभी दागी सिंधिया समर्थकों के बयान दिग्विजय सिंह के बयान के समान आ रहे हैं।

कुल 64 विधायकों के दामन पर दाग, ज्योतिरादित्य सिंधिया के 2 मंत्री और 11 विधायक

बीजेपी-कांग्रेस के संदेही नेताओं ने ही आरोप से बचने के लिए एक स्वर में कहा कि यदि हमने चुनाव में पैसा लिया है तो जांच एजेंसियों ने अब तक नोटिस क्यों नही दिया? पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का बयान इसी लाइन पर आया है। इसको लेकर सरकार भी सांसत में है। दरअसल, इस मामले में शिवराज सरकार के 2 मंत्री और 11 विधायक भी फंस रहे हैं, जो कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं। सीबीडीटी की रिपोर्ट में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के मंत्री सहित 64 विधायकों के नाम हैं। इनमें से 13 विधायक रिपोर्ट आने से पहले बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। पार्टी बदलने के बाद भी उनके स्वर रिपोर्ट पर कांग्रेस जैसे ही हैं।

भ्रष्टाचार विरोधी ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान का इंतजार

इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का बयान आ चुका है, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिक्रिया नहीं आई है। जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया उपचुनाव में आम सभाओं के दौरान बड़ी ही वीरता के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ खून के आखरी कतरे तक लड़ाई लड़ने की शपथ उठाते रहे हैं। इस तरह का बयान देते समय वह अपनी छाती को इतनी जोर से पीटते थे कि कई बार मंच हिल जाती थी। राजनीति में रुचि रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ देख रहे हैं। क्योंकि दागियों की लिस्ट में प्रद्युमन सिंह तोमर और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव के नाम भी शामिल हैं जिन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवराज सिंह सरकार में मंत्री बनवाया है।

मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने दिग्विजय सिंह का बयान दोहराया

इस रिपोर्ट में सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम नहीं है, लेकिन दिग्विजय सिंह पर लोकसभा चुनाव में 90 लाख रुपए मिलने के आरोप हैं। इस पर सफाई देने दिग्विजय सिंह ने शनिवार को प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई थी। उन्होंने कहा कि हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं। साथ ही, सवाल खड़ा किया - यह कैसी जांच है, अभी तक मुझे एक भी नोटिस देकर बयान नहीं लिए गए। दिग्विजय जैसा ही बयान सिंधिया के कट्टर समर्थक शिवराज सरकार के मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने दिया है। तोमर ने कहा -यदि लेन-देन में हम शामिल हैं तो अब तक नोटिस क्यों नहीं दिया गया? शिवराज सरकार में उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ने भी कहा कि आरोप झूठे हैं। हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं।

गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने कहा था: सब के खिलाफ कार्रवाई होगी 

64 विधायकों के नामों का खुलासा होने से पहले ही जब सिर्फ 3 आईपीएस अधिकारी और एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी के नाम का खुलासा हुआ था, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि इसमें अभी और भी कई नाम आना बाकी है। जितने भी नाम सामने आएंगे सबके खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे। कानून अपना काम करेगा। चाहे फिर वह कोई भी हो।

मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की चर्चा हो चुकी है

मंत्रालय सूत्रों ने दावा किया है कि सीबीडीटी की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के साथ बैठक हो चुकी है। इसमें तय किया गया है कि विधि विभाग की राय लेने के बाद रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को सौंपने का निर्णय लिया जाएगा।

शिवराज ने कहा था - दोषी कोई भी हो, कार्रवाई होगी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में कहा है कि रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर दोषी कोई भी हो, वैधानिकता के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा बोले - कानून अपना काम करेगा

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि कमलनाथ के गोरखधंधों की वजह से ही इन नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी है। इस मामले में कोई भी लिप्त क्यों न हो, कानून अपना काम करेगा।

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