मात्र 1 महीने में ठीक हो गए एसआई मिश्रा, कचरे में खाना ढूंढते मिले थे - GWALIOR NEWS

ग्वालियर
। मध्य प्रदेश पुलिस के सब इंस्पेक्टर मनीष मिश्रा मात्र 1 महीने की देखभाल और कुछ दवाइयों के सहारे पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। और वह नॉर्मल है और वापस मध्य प्रदेश पुलिस में काम करना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि मनीष मिश्रा के परिवार वालों का कहना था कि काफी इलाज कराने के बाद भी उनकी हालत में सुधार नहीं आया था। वह खुद घर से भाग गए थे।

सब इंस्पेक्टर मनीष मिश्रा ने कहा, फिर से मध्य प्रदेश पुलिस ज्वाइन करना चाहता हूं

बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व सब इंस्पेक्टर मनीष मिश्रा ने कहा कि उनकी हालत अब पहले से बेहतर है। आश्रम के लोगों का भी उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है। उनके कुछ बैचमेट्स और सीनियर भी उनसे मिलने आए थे। मनीष ने कहा कि अपने साथियों से बात करके मुझे बेहद खुशी हुई, उन्हीं लोगों की प्रेरणा से मैं चाहता हूं कि फिर से पुलिस सेवा में जाकर समाज के लिए कुछ करूं।

10 नवंबर 2020 को कचरे में खाना ढूंढते हुए मिले थे सब इंस्पेक्टर मनीष मिश्रा

मामला 10 नवंबर का है। मध्य प्रदेश उपचुनाव की मतगणना की रात करीब 1ः30 बजे सुरक्षा व्यवस्था में तैनात डीएसपी रत्नेश सिंह तोमर और सीएसपी विजय सिंह भदौरिया को सड़क किनारे ठंड में ठिठुरता, कचरे के ढेर में खाना ढूंढता एक भिखारी दिखा था। एक अधिकारी ने अपने जूते और दूसरे ने अपनी जैकेट उस भिखारी को दे दी। भोजन भी कराया।

जब दोनों पुलिस अधिकारी वापस जाने लगे तो भिखारी ने डीएसपी रत्नेश सिंह तोमर को उनके नाम से पुकारा। तोमर अचंभित हो गए और पलट कर जब गौर से भिखारी को देखा तो उनके होश उड़ गए क्योंकि वह भिखारी कोई और नहीं उनका बैचमेट मनीष मिश्रा था। जो बीते 10 साल से सड़कों पर लावारिस हालत में घूम रहा था। डीएसपी रत्नेश ने मनीष को ग्वालियर के स्वर्ग सदन आश्रम में भर्ती कराया। जब इस बारे में दूसरे बैचमेट्स को पता चला तो सबने मिलकर मनीष के इलाज का प्रबंध किया।

पुलिस बैकग्राउंड वाला है मनीष मिश्रा का पूरा परिवार 

मनीष के बड़े भाई उमेश मिश्रा जो गुना जिले में बतौर थाना प्रभारी पदस्थ है। उन्होंने मनीष के जीवन से जुड़ी सारी बातें ज़ी मीडिया के साथ साझा की थी। उनके भाई ने बताया कि मनीष ने एक काबिल पुलिस सब-इंस्पेक्टर के रूप में शुरुआत की थी। जो शुरू से ही चर्चाओं में रहा है, लेकिन उसकी पत्नी जो कि न्यायिक सेवा में पदस्थ हैं, दोनों के बीच वैचारिक मतभेद, शादी के बाद तैयारी करते हुए न्याययिक सेवा में चयन होना और दोनों के बीच तलाक होना बताया जा रहा है।
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