MPPEB जेल गार्ड परीक्षा: डायरेक्टर ने सफाई पेश की, लेकिन सवाल अभी भी जिंदा है - MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल की डायरेक्टर श्रीमती शनमुगा प्रिया मिश्रा ने जेल प्रहरी परीक्षा को अचानक एक तरफा स्थगित करने के मामले में सफाई पेश करने की कोशिश की है परंतु उन सवालों का जवाब नहीं दिया जो मीडिया के माध्यम से उम्मीदवारों ने पूछे एवं सोशल मीडिया पर गूंज रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि अपने हर भाषण से पहले भांजे-भांजियों और बेटे-बेटियो संबोधित करने वाले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 3 लाख उम्मीदवारों का नुक्सान करने वाले बोर्ड के चेयरमैन को तलब तक नहीं किया। 

एमपीपीईबी की निदेशक ने क्या बताया 

एमपीपीईबी की निदेशक श्रीमती शनमुगा प्रिया मिश्रा ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के संचालन के लिये निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने के लिये राष्ट्रीय ख्याति के एक विश्वसनीय सेवा प्रदाता की सेवाएँ लेगा। यह एजेंसी ऑनलाइन परीक्षा कराने में 13 वर्ष के अनुभव के साथ भारत की अग्रणी सेवा प्रदाता है।  एमपीपीईबी की टीम अब परीक्षा वाले दिन अपने कंट्रोल-रूम में बैठकर सभी गतिविधियों पर नजर रख सकेगी। तकनीकी प्रगति और डिजिटल बदलाव में सेवा प्रदाता की विशेषता के सहारे अतीत में पेश आई विभिन्न चुनौतियों पर अंकुश लगाना संभव हो सकेगा, जिससे आगामी महीनों में लगातार भर्ती परीक्षाएँ निर्विवाद रूप से आयोजित की जायेंगी।

सेवा प्रदाता ने MPPEB की 3 परीक्षाओं का सफल आयोजन किया है

पीईबी के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के बाद सेवा प्रदाता ने थोड़े ही समय में संयुक्त रूप से 3 परीक्षाओं का सफल आयोजन किया है, जिनमें प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट (पैट) 2020, प्री-वेटरनरी एण्ड फिशरीज एंट्रेस टेस्ट (पीवी एण्ड एफटी) 2020 और डिप्लोमा इन एनिमल हस्बैंड्री प्रवेश परीक्षा (डीएएचईटी) 2020 शामिल है। इन सभी परीक्षाओं को कोविड-19 का पालन कराते हुए 59 हजार 638 उम्मीदवारों ने भाग लिया। 

तो फिर इसी से परीक्षा करा लेते, स्थगित क्यों की 

मुद्दा यह है कि 300000 से ज्यादा उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होने के लिए रिजर्वेशन करा चुके थे। इस परीक्षा के लिए उन्होंने कोचिंग क्लास को मोटी फीस चुका दी थी। यदि ₹25000 प्रति उम्मीदवार औसत माने तो यह रकम करीब 750 करोड रुपए हो जाती है। चेयरमैन ने परीक्षा के ठीक 2 दिन पहले उसे स्थगित कर दिया। सवाल वही है, इस तरह परीक्षा स्थगित करने का अधिकार चेयरमैन को किसने दिया। 750 करोड रुपए के नुकसान की भरपाई कौन करेगा। क्या उम्मीदवारों को मुआवजा दिया जाएगा। चेयरमैन यदि खुद को पावरफुल समझते हैं जिस एजेंसी को अच्छा समझते हैं, उसी से परीक्षा करा लेते, उम्मीदवारों ने कब रोका था। उम्मीदवारों का नुकसान क्यों किया। मनचाही ऐजेंसी को परीक्षा कराने का अवसर देने के लिए मनमाना निर्णय लिया गया। क्या घोटाला है, जांच होना चाहिए। 

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