व्यापारियों को धमकी देने वाले नेताओं के खिलाफ किस धारा के तहत मामला दर्ज करेंगे - ASK

दुकानदार, व्यापारी या उद्योगपति राजनीति के लिए एक ऐसी मुर्गी है जो हमेशा सोने का अंडा देती है। राजनीतिक पार्टियां तो दूर की बात, मोहल्ले में जब भी कोई नया नेता पैदा होता है किसी ना किसी व्यापारी से ही फंडिंग प्राप्त करता है। कानून कहता है कि यदि व्यापारी किसी को अच्छा काम करने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप आर्थिक मदद करें तो ठीक लेकिन यदि कोई नेता व्यापारी को धमकी दे कि यदि उसे चंदा नहीं दिया गया तो व्यापारी के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जाएगा, बदनाम कर दिया जाएगा, या अन्य किसी प्रकार से हानि पहुंचाई जाएगी तो इस तरह की कोशिश को अवैध वसूली कहते हैं। आईपीसी की धारा 385 में ऐसे नेताओं की जेल यात्रा के योग बनाए गए हैं।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 385 की परिभाषा:-

अगर कोई व्यक्ति किसी व्यापारी या किसी अन्य व्यक्ति को निम्न प्रकार का लिए भय उत्पन्न करता है:-
1.किसी व्यापारी को अवैध वसूली के लिए धरना देने की धमकी देना।
2. चोट पहुचने का भय दिखाना मात्र।
3. ऐसा कोई भय दिखाना जिससे कि व्यक्ति के मान-सम्मान में ठेस पहुचने की संभावना हो।
उपर्युक्त कृत्य करनें वाला व्यक्ति धारा 385 के अंर्तगत दोषी होगा।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 385 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-

इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है, यह संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई का अधिकार किसी भी मजिस्ट्रेट को हैं। सजा- इस अपराध के लिए दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।

उधरणानुसार वाद:- सम्राट बनाम चतुरभाई का वाद- इस मामले में आरोपी ने कपड़े के लिए व्यापारी को धमकी दी कि यदि वह विदेशी वस्त्र बेचना बंद नहीं करेगा तो उसे जुर्माना किया जाएगा। परन्तु धमकी के बावजूद व्यापारी ने विदेशी वस्त्र बेचना बंद नहीं किया अतः जुर्माना देने के लिए विवश हो जाये व्यापारी इस लिए आरोपी द्वारा उसकी दुकान पर दो घंटे पिकेटिंग(धरना) दिया गया।जिससे व्यापारी को थोड़ी बहुत हानि हुई। न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 385 के अंतर्गत दण्डित किया गया। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख

कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!