किसी भी तरह का विश्वासघात किस धारा के अंतर्गत दंडनीय अपराध है, यहां पढ़िए - ASK IPC

हमने आपको आपराधिक न्यास भंग के अपराधों के बारे में बताया था। कुछ धाराओं के अनुसार यह बताया गया था किस तरह से विश्वासघात करने से कौन सी धारा के अंतर्गत सजा मिलती है, जैसे धारा - 407 के अनुसार वाहन चालक द्वारा विश्वास घात करना। धारा- 408 के अनुसार नोकर या लिपिक द्वारा विश्वास तोड़ना। धारा- 409 के अनुसार कोई बैककर्मी, लोकसेवक, दलाल आदि द्वारा विश्वासभंग करना आदि से संबंधित अपराध एवं सजा को छोड़ कर अगर कोई व्यक्ति इनसे अलग तरीके से विश्वासभंगकरता है या धोखा देता है तब व्यक्ति को धारा 406 के अंतर्गत सजा के लिए दण्डित होगा जानिए।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 406 की परिभाषा:-

अगर कोई व्यक्ति बेईमानी की भावना से निम्न उद्देश्य की भावना से विश्वास भंग करता है- उधार पैसे लेकर न लौटना, प्राइवेट कंपनियों द्वारा लिया गया ऋण को न चुकाना, किसी के पैसे विश्वास के साथ लेकर गबन करना, कोई चल संपत्ति को उधार लेकर वापस न करना आदि सामान्य न्यास भंग करना। दण्ड का प्रावधान:- धारा 406 के अनुसार आपराधिक न्यास भंग का अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है, यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं इनकी सुनवाई का अधिकार प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट को हैं। सजा:- इस अपराध के लिए तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।

उधरणानुसार:- एक वाद में स्त्री रेलवे टिकट घर से टिकट खरीदना चाहती थी, लेकिन टिकट की खिड़की पर अधिक भीड़ होने के कारण उसने खिड़की के पास खड़े व्यक्ति को अपने लिए टिकट खरीदने के लिए पैसे दिए। उस व्यक्ति ने महिला से पैसे ले लिए लेकिन टिकट खरीदने की बजाय पैसे लेकर भाग गया। इस वाद में न्यायालय ने आरोपी को आपराधिक न्यास भंग का दोषी ठहराया एवं धारा 406 के अंतर्गत दण्डित होगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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