चांद पर जंग लग रही है, चंद्रयान-1 द्वारा भेजी गई जानकारी में खुलासा - SCIENCE SAMACHAR

नई दिल्ली।
पृथ्वी पर जीवन का कारक ग्रह चांद पर जंग लग रही है। चंद्रयान-1 द्वारा भेजी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है। वैज्ञानिक खुश है क्योंकि चांद के ध्रुव पर जंग का पाया जाना इस बात को प्रमाणित करता है कि चांद पर पानी है। हालांकि, अभी यह प्रमाणित होना शेष है कि क्या सचमुच चांद के अंदर पृथ्वी के जैसा कोई समुद्र या बड़ी सी झील है या फिर सिर्फ किसी नमी के कारण जंग दिखाई दी। लेकिन खुशी की बात यह है कि चंद्रयान-1 के कारण चंद्रमा के बारे में कुछ नई जानकारियां प्राप्त हो रही है।

अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने चंद्रयान-1 द्वारा भेजी गई जानकारी सार्वजनिक की

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत,पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसका खुलासा करते हुए आज यहां बताया कि इसरो के चांद के प्रथम मिशन ने कुछ चित्र भेजे हैं जो प्रदर्शित करते हैं कि चंद्रमा के ध्रुवों पर जंग सा लगता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि इस निष्कर्ष का संकेत यह है कि भले ही चांद की सतह लौह समृद्ध चट्टानों के लिए जानी जाती हो, वहां पानी और आक्सीजन की उपस्थिति ज्ञात नहीं है जो किसी लोहे के संपर्क में आकर उसमें जंग लगने के लिए आवश्यक दो तत्व हैं।

चंद्रयान-1 द्वारा भेजी गई जानकारी से पता चला- चांद के ध्रुव पर पानी है

नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रिेशन (नासा) के वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा हो सकता है कि पृथ्वी का अपना वातावरण इसमें सहायता कर रहा हो, दूसरे शब्दों में इसका अर्थ यह हुआ कि पृथ्वी का वातावरण चंद्रमा की भी रक्षा कर रहा हो। इस प्रकार, चंद्रयान-1 चांद डाटा से संकेत मिलता है कि चांद के ध्रुव पर पानी है, वैज्ञानिक इसी का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।

चंद्रयान-3 कब लांच किया जाएगा, क्या खास होगा

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जहां तक चंद्रयान-3 का प्रश्न है तो इसका लांच 2021 के आरंभ में हो सकता है। चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का एक मिशन रिपीट होगा और इसमें एक लैंडर तथा रोवर होगा जो चंद्रयान-2 के ही समान है लेकिन इसमें ऑरबिटर नहीं होगा।

भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन कब शुरू होगा, नाम क्या है

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस बीच, भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लांच की तैयारियां चल रही हैं। प्रशिक्षण प्रक्रिया और अन्य कार्यवाहियां भी चल रही हैं।उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के कारण गगनयान की योजना में कुछ बाधाएं आईं, लेकिन लगभग 2022 की समयसीमा पर बने रहने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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