Ujjain mahakal की कथा, इतिहास, कहानी

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में चाहिए महाकालेश्वर मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित है। पुराणों में उज्जैन महाकाल का वर्णन मिलता है। यह एक स्वयंभू शिवलिंग है अर्थात अपने आप प्रकट हुआ है और जमीन के नीचे कितनी गहराई तक है, किसी भी अध्ययन में स्पष्ट नहीं हो पाया है।

उज्जैन महाकाल ज्योतिष के अनुसार भारत का महत्वपूर्ण शिवलिंग

दक्षिणमुखी स्वयंभू एवं भव्य शिवलिंग होने के कारण ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह एक पुन्नदाई और महत्वपूर्ण शिवलिंग है। मान्यता है कि इसके दर्शन मात्र से मोक्ष की प्राप्ति होती है। 1235ई. में इल्तुत्मिश के द्वारा इस प्राचीन मंदिर का विध्वंस किए जाने के बाद से यहां जो भी शासक रहे, उन्होंने इस मंदिर के जीर्णोद्धार और सौन्दर्यीकरण की ओर विशेष ध्यान दिया। यहां 12 वर्ष में ही पर पवित्र सिंहस्थ स्नान एवं मेला होता है। मान्यता है कि उस समय किसी एक क्षण के लिए शिप्रा नदी में जल का एक भाग अमृत बन जाता है।

महाकाल लोक का निर्माण हो जाने के बाद यह भारत के सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से ही शामिल हो गया है। यहां हर रोज हजारों लोग उज्जैन महाकाल शिवलिंग के दर्शन करने के लिए आते हैं। यात्रियों के लिए यहां निशुल्क आवास और भोजन से लेकर सभी प्रकार की लग्जरी व्यवस्थाएं भी है।
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