लॉकडाउन में BANK LOAN पर ब्याज माफी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया / NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। भारत में लॉक डाउन की अवधि में BANK LOAN पर INTEREST माफी के लिए दाखिल की गई याचिका को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने GOVERNMENT OF INDIA को नोटिस जारी कर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है। याद दिलाने की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आग्रह पर भारत सरकार ने अधिसूचना जारी कर कर्ज लेने वालों को तीन महीने तक किस्त अदा करने से छूट दी है, लेकिन इस अवधि में ब्याज अदा करने से छूट नहीं दी गई है। SUPREME COURT याचिका में निवेदन किया गया है कि किस्त के साथ ही तीन महीने का ब्याज लेने पर भी रोक लगाई जाए। 

शीर्ष कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस याचिका पर केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) से निर्देश लेकर सूचित करने को कहा है। मामले पर दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी। शुक्रवार आठ मई को जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने आगरा के गजेंद्र शर्मा की याचिका पर सुनवाई के बाद निर्देश जारी किया। 

वकील देवेश चौविया के जरिये दाखिल याचिका में शर्मा ने कहा है कि इससे पहले इसी मुद्दे पर दाखिल याचिकाओं पर शीर्ष कोर्ट ने यह कहकर विचार करने से इन्कार कर दिया था कि याचिका दाखिल करने वाले प्रभावित व्यक्ति नहीं हैं, लेकिन इस मामले में याचिकाकर्ता प्रभावित व्यक्ति है। याचिकाकर्ता ने बैंक से होम लोन ले रखा है और कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए लागू लॉकडाउन में उसका कामकाज पूरी तरह बंद है। इस कारण वह ब्याज के साथ होम लोन की किस्त अदा करने की स्थिति में नहीं है।

ब्याज नहीं वसूले जाने की मांग 

याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट आरबीआइ के गत 27 मार्च के बैंक किस्त की अदायगी से तीन महीने की छूट देने वाले नोटिफिकेशन के उस अंश को रद कर दे जिसमें मोरेटोरियम अवधि का ब्याज वसूले जाने की बात कही गई है। साथ ही कोर्ट कर्ज के भुगतान में मोरेटोरियम अवधि का ब्याज नहीं वसूलने का आदेश दे।

सरकार और आरबीआइ से मांगा जवाब 

सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के दौरान पहले से मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह इस बारे में निर्देश लेकर कोर्ट को बताएंगे। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से याचिका की प्रति सॉलिसिटर जनरल को देने का निर्देश देते हुए मामले को दो सप्ताह बाद फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया। कोर्ट ने मेहता से कहा कि इस बीच वह केंद्र सरकार और आरबीआइ से निर्देश ले लें।

संकट में कर्जदार 

याचिका में कहा गया है कि तीन महीने की छूट अवधि का ब्याज वसूले जाने से आर्थिक संकट में चल रहे कर्जदारों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। अगर इस अवधि का ब्याज माफ नहीं किया गया तो यह ब्याज तीन महीने की अवधि बीतने के बाद बैंक वसूलेंगे या फिर अंत में अतिरिक्त किस्त के तौर पर वसूला जाएगा अथवा बाकी बची किस्तों में उसे जोड़ दिया जाएगा जिससे कर्ज लेने वालों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा।

11 मई को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

SC-ST गरीबों को आरक्षण में प्राथमिकता के खिलाफ विधायकों की लामबंदी
शिवराज सिंह सरकार ने 4.50 लाख कर्मचारियों का 1500 करोड़ रुपए रोका 
ग्वालियर मुस्कुराया: शहर में निर्माण कार्य शुरू, मजदूर खुश हुए
मध्य प्रदेश कोरोना 39वें जिले में, 11 मौतें, 116 पॉजिटिव, 131 डिस्चार्ज
मध्यप्रदेश में ई-पास के संबंध में नये निर्देश 
सचिन अतुलकर को उज्जैन एसपी के पद से हटाया, तीन जिलों के एसपी बदले 
बस 10 दिन और दे दीजिए: इंदौर कलेक्टर की अपील 
बिजली के झटकों से उपकरण खराब हो जाते हैं तो इलेक्ट्रिक वायर क्यों नहीं टूटता
ट्रेन से कटे शहडोल-उमरिया के 16 मजदूरों को कंपनी वाले घर से ले गए थे 
अमित शाह की अफवाह उड़ाने वाले फिरोज, सरफराज, सज्जाद और शहजाद गिरफ्तार
MP IAS TRANSFER LIST 09 MAY 2020 / मप्र आईएएस अफसरों की तबादला सूची
बीजेपी मध्यप्रदेश के 24 जिला अध्यक्षों की लिस्ट जारी
पति प्राइवेट फोटो दोस्तों को भेजता था, इसलिए गीता फांसी पर झूली 
समाधि, श्मशान या मकबरा या कब्रिस्तान के अपमान या नुक्सान पर क्या कार्रवाई होती है 
कुछ लोग मेरी मौत की दुआ कर रहे हैं लेकिन मैं स्वस्थ हूं: गृह मंत्री अमित शाह 
गुरुद्वारों में लंगर क्यों चलते हैं, वहां सभी धर्मों के लोगों को भोजन क्यों कराते हैं

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !